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'इतिहास में सबसे बड़ी सहयोग परियोजना', भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप कॉरिडोर की इजरायली पीएम नेतन्याहू ने की सराहना

जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान नई दिल्ली में भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप कारिडोर (आइएमईसी) स्थापित करने की घोषणा की गई थी। इसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाडइन ने कहा है कि यह क्षेत्रीय निवेश को लेकर एक गेम चेंजर साबित होगा। वहीं इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कारिडोर की घोषणा की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि यह इतिहास में सबसे बड़ी सहयोग परियोजना है।

By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Sun, 10 Sep 2023 11:15 PM (IST)
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भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप कॉरिडोर की इजरायली पीएम नेतन्याहू ने की सराहना। फाइल फोटो।
नई दिल्ली, एएनआई। जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान नई दिल्ली में भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप कारिडोर (आइएमईसी) स्थापित करने की घोषणा की गई थी। इसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाडइन ने कहा है कि यह क्षेत्रीय निवेश को लेकर एक गेम चेंजर साबित होगा। बाइडन ने कहा कि यह परियोजना सिर्फ पटरियां बिछाने से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।

महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा कॉरिडोरः अमेरिका

उधर, एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि भारत और यूरोप के बीच महत्वाकांक्षी कारिडोर एक परिवर्तनकारी साझेदारी है, जिसमें यूरोप से एशिया तक आर्थिक गतिविधियों के एक नए युग को शुरू करने की क्षमता है। व्हाइट हाउस के प्रधान उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा कि यह कारिडोर वैश्विक व्यापार को सुविधाजनक बनाने, स्वच्छ ऊर्जा वितरण और दूरसंचार लिंक को मजबूत करने में महत्वपूर्ण साबित होगा।

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इतिहास में सबसे बड़ी सहयोग परियोजना : नेतन्याहू

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कारिडोर की घोषणा की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि यह इतिहास में सबसे बड़ी सहयोग परियोजना है। यह पश्चिम एशिया और इजरायल के साथ ही पूरे विश्व को फायदा पहुंचाएगी। इसे चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआइ) के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है।

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परियोजना पर क्या बोले इजरायल के पीएम?

नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल इस परियोजना को साकार करने के लिए अपनी क्षमताओं, अनुभवों का योगदान देगा। सभी सरकारी मंत्रालयों को इस सपने को साकार करने में शामिल होने का निर्देश दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री कार्यालय में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद को कर्मचारियों के काम में समन्वय करने और इस दृष्टिकोण को जल्द से जल्द वास्तविकता बनाने के लिए अमेरिका और अन्य देशों के साथ सहयोग का निर्देश दिया है।

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