INSAT-3DS: इसरो की मिली एक और सफलता, Geostationary Orbit में पहुंचा इनसेट-3डीएस
इनसेट का मतलब इंडियन नेशनल सेटेलाइट सिस्टम है। मिशन का उद्देश्य इनसेट-3 डी और इनसेट-3 डीआर (सितंबर 2016 में लांच) को उन्नत मौसम संबंधी डाटा भूमि और महासागर सतहों की निगरानी मौसम पूर्वानुमान और आपदा चेतावनी के लिए सेवाओं की निरंतरता प्रदान करना है। इस मिशन की अवधि लगभग 10 वर्ष होने की उम्मीद है। इनसेट-3डीएस के 28 फरवरी तक इन-आर्बिट टेस्टिंग (आइओटी) पर पहुंचने की उम्मीद है।
एएनआई, नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक और सफलता प्राप्त करते हुए मौसम संबंधी उपग्रह इनसेट-3डीएस को भू-स्थिर कक्षा में पहुंचा दिया। इसरो ने गुरुवार को कहा एक्स पर पोस्ट किया, मिशन के सभी चार लिक्विड अपोजी मोटर (एलएएम) फायरिंग पूरे हो गए हैं। इनसेट-3डीएस के 28 फरवरी तक इन-आर्बिट टेस्टिंग (आइओटी) पर पहुंचने की उम्मीद है।
इससे पहले इसरो ने शनिवार को तीसरी पीढ़ी के मौसम अवलोकन उपग्रह इनसेट-3डीएस को लांच किया था। जियोसिंक्रोनस सेटेलाइट लांच व्हीकल (जीएसएलवी)-एफ14 ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से इनसेट-3डीएस के साथ उड़ान भरी। लगभग 20 मिनट की उड़ान के बाद 2274 किलोग्राम वजनी इनसेट-3डीएस को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर आर्बिट में स्थापित कर दिया गया।
इनसेट का मतलब इंडियन नेशनल सेटेलाइट सिस्टम है। मिशन का उद्देश्य इनसेट-3 डी (2013 में लांच) और इनसेट-3 डीआर (सितंबर 2016 में लांच) को उन्नत मौसम संबंधी डाटा, भूमि और महासागर सतहों की निगरानी, मौसम पूर्वानुमान और आपदा चेतावनी के लिए सेवाओं की निरंतरता प्रदान करना है। इस मिशन की अवधि लगभग 10 वर्ष होने की उम्मीद है।