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ISRO अध्यक्ष एस सोमनाथ ने रामेश्वरम मैराथन को दिखाई हरी झंडी, पूर्व राष्ट्रपति APJ Abdul Kalam को किया याद

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन अध्यक्ष एस सोमनाथ ने रविवार को रामेश्वरम मैराथन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। जिला कलेक्टर पी. विष्णुशंद्रन के नेतृत्व में सुबह छह बजे रामेश्वरम में मैराथन आयोजित की गई जिसमें बड़ी संख्या में युवाओं ने भाग लिया। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश के कई बड़े नेताओं ने डॉक्टर कलाम को उनकी 92वीं जयंती पर याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।

By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Sun, 15 Oct 2023 12:05 PM (IST)
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रामेश्वरम मैराथन को हरी झंडी दिखाते हुए इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ। फोटोः एएनआई।

पीटीआई, रामेश्वरम। भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम (A. P. J. Abdul Kalam) की जयंती के अवसर पर पूरे देश में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। वहीं, इस अवसर पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अध्यक्ष एस सोमनाथ (S Somanath) ने रविवार को रामेश्वरम मैराथन (Rameswaram Marathon) को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। जिला कलेक्टर पी. विष्णुशंद्रन के नेतृत्व में सुबह छह बजे रामेश्वरम में मैराथन आयोजित की गई, जिसमें बड़ी संख्या में युवाओं ने भाग लिया।

पीएम मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति को किया याद

वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश के कई बड़े नेताओं ने डॉक्टर कलाम को उनकी 92वीं जयंती पर याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। पीएम मोदी ने डॉ कलाम की असाधारण वैज्ञानिक प्रतिभा की सराहना की। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा,"अपने विनम्र व्यवहार और विशिष्ट वैज्ञानिक प्रतिभा को लेकर जन-जन के चहेते रहे पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जी को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन। राष्ट्र निर्माण में उनके अतुलनीय योगदान को सदैव श्रद्धा पूर्वक स्मरण किया जाएगा।"

डॉ कलाम ने देश को दिया अपना बहुमूल्य योगदानः अमित शाह

डॉ कलाम की जयंती पर अमित शाह ने उन्हें याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने अपने एक बयान में कहा कि ज्ञान और विज्ञान के अद्भुत संयोजन से डॉ एपीजे अब्दुल कलाम जी ने देश की सुरक्षा को अभेद्य बनाने में अहम योगदान दिया। संघर्ष से शीर्ष तक का उनका सफर न केवल देश बल्कि सम्पूर्ण मानव जगत के लिए एक विरासत है।

27 जुलाई, 2015 को ली थी अंतिम सांस

मालूम हो कि पूर्व राष्ट्रपति डॉ कलाम 27 जुलाई, 2015 को भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग में एक व्याख्यान दे रहे थे। इसी दौरान वह अचानक गिर गए और हृदय गति रुकने से उनका निधन हो गया। उनके योगदान को आज भी देश के सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक और तकनीकी विकासों में से कुछ के रूप में याद किया जाता है।