Chandrayaan-3: ISRO की बड़ी कामयाबी; चांद पर मिली ऑक्सीजन, अब सतह पर हाइड्रोजन की तलाश जारी
चंद्रयान-3 ने चंद्रमा (ISRO Chandrayaan-3) की सतह पर कई पदार्थों की खोज की है। चंद्रयान-3 के प्रज्ञान रोवर ने चंद्रमा पर एल्युमिनियम सल्फर कैल्शियम आयरन क्रोमियम और टाइटेनियम मैंगनीज सिलिकॉन और ऑक्सीजन की खोज की है। साथ ही हाइड्रोजन की खोज जारी है। इससे पहले इसरो ने बताया था कि जल्द ही चंद्रमा से कुछ अच्छी खबर आने वाली है।
चांद पर ऑक्सीजन सहित कई पदार्थ के मिले सबूत
Chandrayaan-3 Mission:
— ISRO (@isro) August 29, 2023
In-situ scientific experiments continue .....
Laser-Induced Breakdown Spectroscope (LIBS) instrument onboard the Rover unambiguously confirms the presence of Sulphur (S) in the lunar surface near the south pole, through first-ever in-situ measurements.… pic.twitter.com/vDQmByWcSL
चांद पर हाइड्रोजन की तलाश जारी
वहीं, हाइड्रोजन की तलाश की जा रही है। वैज्ञानिक प्रयोग जारी है। ऑर्बिटर ने कुछ तत्वों की मौजूदगी के संकेत दिए थे, लेकिन ऑर्बिटर पर लगे उपकरणों से सल्फर की मौजूदगी की पुष्टि संभव नहीं हो सकी थी। एएनआई के अनुसार, स्पेस एप्लिकेशन सेंटर (एसएसी) के निदेशक नीलेश एम. देसाई ने बताया कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सल्फर की रेखा स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है।23 अगस्त को हुई थी सफल लैंडिंग
गौरतलब है कि चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल (एलएम) ने 23 अगस्त को शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा की सतह पर साफ्ट लैंडिंग की थी। इसके साथ ही भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला विश्व का पहला राष्ट्र बन गया। अब तक अमेरिका, तत्कालीन सोवियत संघ (रूस) और चीन ने ही चंद्रमा की सतह पर अपने लैंडर उतारे हैं, लेकिन भारत से पहले कोई भी देश चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर नहीं पहुंच सका था।प्रज्ञान रोवर ने भेजा खास संदेश
इससे पहले प्रज्ञान को 27 अगस्त को अपने स्थान से तीन मीटर आगे चार मीटर व्यास वाला गड्ढा दिखा था। हालांकि, इसरो के विज्ञानियों ने रोवर को समय रहते रास्ता बदलने का निर्देश दिया था।नमस्कार पृथ्वीवासियों! मुझे आशा है कि आप ठीक होंगे। मैं हर किसी को बताना चाहता हूं कि मैं चंद्रमा के रहस्यों को उजागर करने के रास्ते पर हूं। मैं और मेरे दोस्त विक्रम लैंडर एक दूसरे के संपर्क में हैं। सबसे बड़ी खुशखबरी जल्द मिलने वाली है।