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INSAT-3DS Mission: इनसेट-3DS सैटेलाइट की लॉन्चिंग डेट आई सामने, इस दिन श्रीहरिकोटा से इसरो करेगा लॉन्च

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) 17 फरवरी को इनसेट-3डीएस (GSLV-F14/INSAT-3DS) मिशन को लॉन्च करेगा। इसकी लॉन्चिंग से जुड़ी सभी तैयरियां पूरी हो चुकी है। इसरो ने बताया कि इसकी लॉन्चिंग 17 फरवरी शाम 5.30 बजे निर्धारित है। इसरो ने कहा कि इसे एसडीएससी-शार श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया जाएगा। इसका लक्ष्य जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO) में INSAT-3DS को तैनात करना है।

By Agency Edited By: Devshanker Chovdhary Updated: Thu, 08 Feb 2024 06:48 PM (IST)
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श्रीहरिकोटा से 17 फरवरी को इनसेट-3डीएस मिशन को लॉन्च किया जाएगा। (फोटो- इसरो)
पीटीआई, बेंगलुरु। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) मौसम संबंधी उपग्रह इनसेट-3डीएस को 17 फरवरी को लॉन्च करेगा। इसरो ने गुरुवार को कहा कि इस उपग्रह को जियो¨सक्रोनस सेटेलाइट लॉन्च व्हीकल (जीएसएलवी) एफ-14 के जरिये 17 फरवरी को शाम 5:30 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) से प्रक्षेपित किया जाएगा। यह उपग्रह मौसम का बेहतर पूर्वानुमान और आपदा संबंधी चेतावनी देने में मदद करेगा। इनसेट-3डीएस भूस्थैतिक कक्षा में स्थापित किए जाने वाले तीसरी पीढ़ी के मौसम उपग्रह का मिशन है।

मौसम से जुड़ी जानकारी मिलेगी

जीएसएलवी शक्तिशाली राकेट है, जो भारी उपग्रहों को अंतरिक्ष में अधिक ऊंचाई तक ले जाने में सक्षम है। इसरो ने कहा कि उपग्रह को मौसम संबंधी अवलोकन करने , मौसम की भविष्यवाणी और आपदा चेतावनी के लिए भूमि और महासागर सतहों की निगरानी करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह उपग्रह वर्तमान में संचालित इनसेट-3डी और इनसेट-3डीआर उपग्रहों के साथ-साथ मौसम संबंधी सेवाओं को भी बढ़ाएगा। भारतीय उद्योगों ने उपग्रह के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

अगले 14 महीनों में करीब 30 उपग्रहों के प्रक्षेपण की तैयारी

भारत के अंतरिक्ष नियामक भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (इन-स्पेस) ने गुरुवार को कहा कि अगले 14 महीनों में करीब 30 मिशनों के प्रक्षेपण की तैयारी चल रही है। इसमें सात मिशन गगनयान से जुड़े होंगे। इन-स्पेस ने कहा कि चेन्नई की स्टार्टअप कंपनी अग्निकुल कासमास चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में पहला 3-डी प्रिटेंड राकेट अग्निबाण-एसओआरटीईडी लॉन्च करने वाली है।

इसके अलावा लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी) के दो प्रक्षेपण भी किए जाएंगे। एसएसएलवी की तीसरी विकास उड़ान भी मार्च तक होने की उम्मीद है। अगले वित्त वर्ष के दौरान एयरोस्पेस द्वारा निर्मित राकेट विक्रम-1 के को लॉन्च किए जाने की उम्मीद है। इसरो की वाणिज्यिक शाखा, न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड द्वारा पीएसएलवी के चार प्रक्षेपण, एक एलवीएम-3 मिशन और एसएसएलवी के दो प्रक्षेपण किए जाने की उम्मीद है।