अंतरिक्ष में हिंदुस्तान की 'सेंचुरी', PSLV C-40 से 31 उपग्रह एक साथ लॉन्च; डरा पाकिस्तान
श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से PSLV C-40 से 31 उपग्रह एक साथ लॉन्च किए गए।
चेन्नई (प्रेट्र)। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से PSLV C-40 से 31 उपग्रह एक साथ लॉन्च किए गए। इसी के साथ अंतरिक्ष में भारत की सेंचुरी पूरी हो गई। यह इसरो का 42वां और साल 2018 का पहला मिशन है।
PSLV C-40 ने मौसम विज्ञान संबंधी कार्टोसेट-2 सीरीज का सेटेलाइट और अन्य 30 को लेकर आज सुबह 9.28 बजे उड़ान भरी। बता दें कि मिशन से संबंधित समिति की मंजूरी मिलने के बाद इसके लिए गुरुवार सुबह 5.29 बजे उलटी गिनती शुरू की गई। 30 अन्य सेटेलाइट में भारत का एक माइक्रो और एक नैनो सेटेलाइट है। जबकि छह अन्य देशों के तीन माइक्रो और 25 नैनो सेटेलाइट हैं। ये देश हैं- कनाडा, फिनलैंड, फ्रांस, कोरिया, ब्रिटेन और अमेरिका।
पीएम मोदी और राष्ट्रपति ने दी इसरो को बधाई
PSLV c-40 की सफल लॉन्चिंग पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो को बधाई दी है। पीएम ने इसे नए साल का तोहफा करार देते हुए कहा, ' अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में तेजी से प्रगति और बदलाब देश के नागरिकों, किसानों और मछुआरों आदि की मदद में सहयोगी होगी। उन्होंने कहा कि इसरो द्वारा 100वें उपग्रह का शुभारंभ अपनी शानदार उपलब्धियों और भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के उज्ज्वल भविष्य को दर्शाता है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी इसरो को बधाई देते हुए कहा, ' भारत के 100वें उपग्रह कार्टोसैट-2, दो सह-यात्री उपग्रहों और छह अनुकूल राष्ट्रों के 28 उपग्रहों का प्रक्षेपण हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण है। इसरो की टीम को बधाई।'
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर कहा, 'एक बार फिर इतिहास बनाने के लिए इसरो को बधाई। आपकी कड़ी मेहनत और समर्पण ने भारत को अंतरिक्ष कार्यक्रम के अग्रणी बना दिया है।
भारत की कामयाबी से डरा हुआ पाकिस्तान
भारत की इस कामयाबी से पाकिस्तान डरा हुआ है, क्योंकि पाकिस्तान को डर है कि अगर भारत ने अपने तीनों उपग्रह को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष कक्षा में प्रक्षेपित कर लिया, तो सीमा पर उसके नापाक इरादों का तगड़ा झटका लगेगा।
जानिए कार्टोसैट -2 की ताकत
- कार्टोसैट-2 उपग्रह एक बड़े कैमरे की तरह है।
- इसमें मल्टी स्पेक्ट्रल कैमरे भी लगे हैं।
- इसे 'आई इन द स्काई' यानी आसमानी आंख भी कह सकते हैं।
- यह एक अर्थ इमेजिंग उपग्रह है।
- सीमा पर नजर रखने के लिए कार्टोसैट-2 इसरो की मदद करेगा।
- इससे उच्च क्वालिटी की तस्वीर मिलेगी।
- सटीक मैप बनाने में भी यह उपयोगी होगी।