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अंतरिक्ष में एक और छलांग, नेविगेशन उपग्रह-IRNSS-1F का हुआ सफल परीक्षण

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) आज आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी सी -32 के जरिए अपने छठे नेविगेशन उपग्रह आईआरएनएसएस-1 एफ का सफल प्रक्षेपण किया।

By kishor joshiEdited By: Updated: Thu, 10 Mar 2016 10:14 PM (IST)
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चेन्नई। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) आज आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी सी -32 के जरिए अपने छठे नेविगेशन उपग्रह आईआरएनएसएस-1 एफ का सफल प्रक्षेपण किया। इस प्रक्षेपण के लिए मंगलवार सुबह 9:30 बजे से ही 54 घंटे की उल्टी गिनती शुरू हो गई थी। साल 2016 में भारत का यह दूसरा रॉकेट प्रक्षेपण है। इससे पहले प्रक्षेपण के तहत 20 जनवरी को आईआरएनएसएस-1ई उपग्रह का प्रक्षेपण किया गया था।

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इसे भरोसेमंद पीएसएलवी सी-32 की सहायता से लांच किया गया। यह लांचिंग पीएसएलवी सी-32 का 34वां बड़ा मिशन होगा। 44.4 मीटर लंबे IRNSS-1F का वजन 1,425 किलोग्राम है। इसका उद्देश्य अमेरिकी ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) की तरह बेहतर नेविगेशन प्रणाली उपलब्ध करना है। इस उपग्रह के लांच के साथ भारत की नेविगेशन प्रणाली और बेहतर होने की उम्मीद है, क्योंकि पांचवे उपग्रह के प्रक्षेपण के साथ ही भारत के पास 24 घंटे नेविगेशन प्रदान करने की क्षमता हो गई थी।

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पीएम ने दी बधाई

IRNSS-1F की सफल लांचिंग पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर इसरो और वैज्ञानिकों को बधाई दी है। मोदी ने ट्वीट किया, IRNSS-1F की सफल लांचिंग बड़ी उपलब्धि है और इस पर हमें गर्व हैं। इसरो और वाज्ञैनिकों के कठोर परिश्रम को मेरा सलाम।

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सात देशों के 25 उपग्रहों का प्रक्षेपण करेगा भारत इस वित्त वर्ष में सात देशों के 25 उपग्रहों का प्रक्षेपण करेगा, इनमें सबसे ज्यादा अमेरिका के होंगे। राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र प्रसाद ने बताया कि पोलर सेटेलाइट लांच व्हीकल (पीएसएलवी) से अब तक 21 देशों के 57 उपग्रहों का प्रक्षेपण भारत कर चुका है। जितेंद्र प्रसाद के पास अंतरिक्ष विभाग भी है। उन्होंने बताया कि इसरो की वाणिज्यिक शाखा अंतरिक्ष ने अल्जीरिया और कनाडा से तीन उपग्रह छोड़ने के लिए समझौता किया है। जर्मनी के चार जबकि अमेरिका के 12 उपग्रहों का प्रक्षेपण होगा। जापान तथा मलेशिया का एक-एक उपग्रह प्रक्षेपित होगा। राज्यमंत्री ने कहा कि जनवरी, 2013 से दिसंबर, 2015 तक इसरो ने 13 देशों के 28 उपग्रह छोड़े। इनमें से कई सिंगापुर, ब्रिटेन और अमेरिका के भी थे। इससे इसरो ने आठ करोड़ यूरो की आय अर्जित की।