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ISRO Missions: अगले साल चंद्रयान-3 समेत कई मिशन को लांच करने की तैयारी, इसरो का काफी व्यस्त कार्यक्रम

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी का अगले साल काफी व्यस्त कार्यक्रम है। अगले साल कई प्रक्षेपण कार्यक्रम है जिसमें वाणिज्यिक नेविगेशन सूर्य और चंद्रमा मिशन शामिल हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने बताया कि मिशन चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान के संबंध में एकीकरण परीक्षण चल रहा है।

By AgencyEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Sun, 23 Oct 2022 03:27 PM (IST)
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अगले साल चंद्रयान-3 समेत कई मिशन को लांच करने की तैयारी।
श्रीहरिकोटा, आइएएनएस। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी का अगले साल काफी व्यस्त कार्यक्रम है। इसरो के मुताबिक अगले साल कई प्रक्षेपण कार्यक्रम है, जिसमें वाणिज्यिक, नेविगेशन, सूर्य और चंद्रमा मिशन शामिल हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने बताया कि मिशन चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान के संबंध में एकीकरण परीक्षण चल रहा है।

जून 2023 में चंद्रयान-3 को लांच करने की तैयारी

एस सोमनाथ ने कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी चंद्रमा मिशन को जून 2023 में लांच करने की तैयारी है। अंतरिक्ष एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया कि इसरो सौर वातावरण का अध्ययन करने के लिए अपने उपग्रह आदित्य-एल 1 कोरोनोग्राफी अंतरिक्ष यान के साथ सूर्य के लिए अपने मिशन की भी योजना बना रहा है। इसरो के अनुसार, अंतरिक्ष यान को सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के पहले लैग्रेंज बिंदु L1 के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में रखा जाएगा।

वाणिज्यिक प्रक्षेपण का पहला बैच सफल

इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा कि L1 बिंदु के चारों ओर एक उपग्रह को सूर्य को लगातार देखने का लाभ है। इसके साथ ही इसरो 2023 में ब्रिटेन स्थित वनवेब के 36 उपग्रहों के वाणिज्यिक प्रक्षेपण भी करेगा। रविवार को 36 उपग्रहों के पहले बैच का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया। बता दें कि ब्रिटेन की कंपनी ने दोनों लांच के लिए 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान करने के लिए न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) के साथ अनुबंध किया है। वनवेब इंडिया भारती ग्लोबल और ब्रिटेन सरकार का एक संयुक्त वेंचर है।

दिसंबर में छोटे उपग्रह प्रक्षेपण यान को लांच करेगी इसरो

इसरो के अध्यक्ष ने कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी दिसंबर में अपने छोटे राकेट-छोटे उपग्रह प्रक्षेपण यान (SSLV) को लांच करेगी और इसके साथ ही इस वर्ष के मिशन खत्म होंगे और अगले साल कई मिशन कतार में रहेंगे। बता दें कि इस वर्ष राकेट का पहला मिशन विफल हो गया था। समुद्रों पर अध्ययन करने के लिए इसरो एक उपग्रह भेजेगा।

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