इसरो ने सेमी-क्रायोजेनिक इंजन का हॉट टेस्ट रोका, टरबाइन की गति में कमी के कारण टला परीक्षण
सेमी-क्रायोजेनिक इंजन बनाने के सपने को हकीकत में बदलने में अभी और देरी होगी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सेमी-क्रायोजेनिक इंजन का हॉट टेस्ट बीच में ही रोक दिया है। टरबाइन के दबाव में अप्रत्याशित वृद्धि के बाद टरबाइन की गति में कमी के कारण यह टेस्ट रोका गया है। परीक्षण 1.9 सेकेंड तक उम्मीद के अनुरूप चला। फोटो- इसरो।
बेंगलुरु, पीटीआई। सेमी-क्रायोजेनिक इंजन बनाने के सपने को हकीकत में बदलने में अभी और देरी होगी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सेमी-क्रायोजेनिक इंजन का हॉट टेस्ट बीच में ही रोक दिया है। टरबाइन के दबाव में अप्रत्याशित वृद्धि के बाद टरबाइन की गति में कमी के कारण यह टेस्ट रोका गया है।
एक जुलाई को किया गया था परीक्षण
इसरो ने सोमवार को बताया कि तमिलनाडु के महेंद्रगिरी के इसरो प्रोपल्सन कांप्लेक्स (आइपीसीआर)में एक जुलाई को 2000 किलोन्यूटन ताकत वाले सेमी क्रायोजेनिक इंजन को विकसित करने के लिए यह परीक्षण किया गया था। इसका उद्देश्य 4.5 सेकंड की अवधि के लिए हाट-फायरिंग करके गैस जनरेटर, टर्बो पंप, प्री-बर्नर जैसी महत्वपूर्ण उप-प्रणालियों के प्रदर्शन का आकलन करना था।
1.9 सेकेंड तक उम्मीद के अनुरूप चला परीक्षण
परीक्षण 1.9 सेकेंड तक उम्मीद के अनुरूप चला, लेकिन 2.0 सेकंड पर, टरबाइन के दबाव में अप्रत्याशित वृद्धि और उसके बाद टरबाइन की गति में कमी देखी गई। एहतियाती कदम के तौर पर परीक्षण समाप्त कर दिया गया। सेमी-क्रायोजेनिक इंजन तरल आक्सीजन (एलओएक्स) और केरोसीन को मिलाकर बनाए गए प्रोपेलेंट का उपयोग करता है। इसका इस्तेमाल भविष्य के प्रक्षेपण यानों में किया जाएगा।
इसरो ने अपने बयान में कहा
परीक्षण 1.9 सेकंड तक उम्मीद के अनुरूप चला, जिसमें प्रज्वलन और उसके बाद के पीएचटीए (पॉवर हेड टेस्ट आर्टिकल) का प्रदर्शन सफल रहा, लेकिन 2.0 सेकंड पर, टर्बाइन दबाव में अप्रत्याशित वृद्धि और इसके बाद टर्बाइन-गति में कमी दिखी। एहतियाती कदम के तौर पर परीक्षण समाप्त कर दिया गया। इसका विश्लेषण दीर्घावधि के लिए आगे के 'हॉट टेस्ट' से पहले और अधिक समझ प्रदान करने में मदद करेगा।