ISRO ने अंतरिक्ष स्टार्ट-अप स्काईरूट के रॉकेट इंजन का किया सफल परीक्षण, लक्षित मानदंडों पर उतरा खरा
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने तमिलनाडु के महेंद्रगिरि में इसरो प्रणोदन परिसर (आइपीआरसी) में अंतरिक्ष स्टार्ट-अप स्काईरूट के राकेट-इंजन का सफल परीक्षण किया है। इसरो ने शनिवार को कहा रमन-II इंजन का शुक्रवार को परीक्षण किया गया। इस इंजन को स्काईरूट ने 820 न्यूटन (समुद्र स्तर) और 1460 न्यूटन (वैक्यूम) थ्रस्ट उत्पन्न करने के लिए 8.5 बार के नामिनल चैंबर प्रेशर के साथ डिजाइन किया है।
By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Sun, 23 Jul 2023 04:30 AM (IST)
बेंगलुरु, पीटीआई। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने तमिलनाडु के महेंद्रगिरि में इसरो प्रणोदन परिसर (आइपीआरसी) में अंतरिक्ष स्टार्ट-अप स्काईरूट के राकेट-इंजन का सफल परीक्षण किया है।
इसरो ने क्या कहा?
इसरो ने शनिवार को कहा, रमन-II इंजन का शुक्रवार को परीक्षण किया गया। इस इंजन को स्काईरूट ने 820 न्यूटन (समुद्र स्तर) और 1,460 न्यूटन (वैक्यूम) थ्रस्ट उत्पन्न करने के लिए 8.5 बार के नामिनल चैंबर प्रेशर के साथ डिजाइन किया है। यह मोनो मिथाइल हाइड्राजीन और नाइट्रोजन टेट्रोक्साइड को प्रणोदक के रूप में उपयोग करता है। 250 सेकंड की अवधि में किए गए परीक्षण में इंजन का प्रदर्शन अपेक्षा के अनुरूप रहा।
ISRO supported the testing of the Raman-II engine developed by @skyrootA at its rocket-engine testing facility at ISRO Propulsion Complex (IPRC), Mahendragiri, demonstrating its commitment to fostering the space ecosystem in India.
— ISRO (@isro) July 22, 2023
The engine test was successful.… pic.twitter.com/EKsUv8lOFG
मिशन गगनयान के लिए इसरो, नौसेना ने किया हार्बर रिकवरी परीक्षण
गगनयान मिशन की तैयारियों के तहत इसरो और नौसेना ने संयुक्त रूप से रिकवरी परीक्षण किया। इसरो ने शनिवार को बताया कि विशाखापत्तनम के नौसेना डाकयार्ड में हार्बर रिकवरी परीक्षण किया गया। इस दौरान रिकवरी के विभिन्न चरणों का परीक्षण किया गया, जिसमें जहाज के डेक पर क्रू माड्यूल को खींचना, संभालना और उठाना शामिल था।मालूम हो कि अंतरिक्षयात्रियों की सुरक्षित वापसी के लिए रिकवरी परीक्षण किया जाता है। गगनयान मिशन के तहत तीन अंतरिक्षयात्रियों के दल को तीन दिवसीय मिशन के लिए 400 किमी की कक्षा में ले जाया जाएगा। इसके बाद उन्हें सुरक्षित पृथ्वी पर वापस लाकर भारत मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता का प्रदर्शन करेगा।