चंद्रयान-3 के चांद छूने पर लोकसभा में एक सुर से हुआ ISRO का जयगान, थरूर ने की वैज्ञानिकों के परिश्रम की सराहना
रक्षामंत्री ने कहा कि महिला आरक्षण से जुड़ा नारी शक्ति वंदन अधिनियम इसरो की महिला वैज्ञानिकों को कृतज राष्ट्र का उपहार है। मोदी सरकार संस्कृति और विज्ञान को समान महत्व देते हुए प्रगतिशील विकास को आगे बढ़ा रही है।विपक्ष पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि विरासत का विरोध करना प्रगति का सूचक बन है मगर सच्चाई है कि संस्कृति के बिना विज्ञान और विज्ञान के बिना संस्कृति अधूरी है।
By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Thu, 21 Sep 2023 08:28 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। चंद्रयान-3 के चंद्रमा की सतह के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने की ऐतिहासिक अंतरिक्ष उपलब्धि की लोकसभा में एक सुर से सराहना की गई। इसरो के वैज्ञानिकों का गुणगान करते हुए कहा गया कि चंद्रयान-3 की कामयाबी ने भारत को अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र के अग्रिम पंक्ति के देशों की कतार में ला खड़ा किया है। हालांकि इस वैज्ञानिक उपलब्धि की सराहना करने के क्रम में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच श्रेय लेने की होड़ भी नजर आयी।
क्या कहा राजनाथ सिंह ने ?
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि महिला आरक्षण से जुड़ा नारी शक्ति वंदन अधिनियम इसरो की महिला वैज्ञानिकों को कृतज राष्ट्र का उपहार है। मोदी सरकार संस्कृति और विज्ञान को समान महत्व देते हुए प्रगतिशील विकास को आगे बढ़ा रही है। विपक्ष पर तंज कसते हुए रक्षामंत्री ने कहा कि विरासत का विरोध करना प्रगति का सूचक बन गया है मगर सच्चाई है कि संस्कृति के बिना विज्ञान और विज्ञान के बिना संस्कृति अधूरी है।
भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में दुनिया में प्रमुख स्थान कर रहा है हासिल: रक्षा मंत्री
लोकसभा में चंद्रयान-3 मिशन की सफलता और अंतरिक्ष क्षेत्र में देश की अन्य उपलब्धियों पर चर्चा की शुरुआत करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत द्वारा प्रक्षेपित किए गए 424 विदेशी उपग्रहों में से 389 पिछले नौ वर्षों में किए गए हैं। विदेशी उपग्रहों के सफल प्रक्षेपण से भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में तेजी से दुनिया में प्रमुख स्थान हासिल कर रहा है। चंद्रायान इसरो के वैज्ञानिकों की बौद्धिक क्षमता और देश के विकास के प्रति उनके समर्पण का ही परिणाम है जिसकी वजह से विज्ञान की दुनिया में अग्रणी देशों की कतार में भारत खड़ा है।करोड़ों भारतीयों ने दिया योगदान : राजनाथ सिंह
चंद्रयान-3 ने चंद्रमा पर कदम रखा तो यह न केवल इसरो के लिए सफलता है बल्कि यह हमारे देश के सदृढ़ वैज्ञानिक पारिस्थितिकी तंत्र का भी संकेत है जिसमें करोड़ों भारतीयों ने योगदान दिया है। आजादी के बाद देश कदम दर कदम आगे बढ़ता हुआ इस मुकाम पर पहुंचा है। रक्षामंत्री ने इस दौरान देश की सांस्कृतिक विरासत और विज्ञान के बीच गहरे जुड़ाव के उदाहरण गिनाते हुए कहा कि इस सफलता के रहस्य हमारे अतीत में छिपे हैं। जहां विज्ञान और आस्था के बीच सामंजस्य था।रक्षामंत्री बोले- भारत सूरज, चांद और सितारों को छूने के लिए तैयार
राजनाथ ने कहा कि विदेशी आक्रमणकारियों के कारण हमारा वैज्ञानिक विकास बीच में कुछ समय के लिए थोड़ा पिछड़ापन जरूर आया मगर एक बार फिर देश पहले से ज्यादा ताकत के साथ न केवल खड़ा हो गया है बल्कि सूरज, चांद और सितारों को छूने के लिए तैयार है। आने वाले समय में हम मंगल और शनि तक पहुंच अपना झंडा लहराएंगे।