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‘ये एक टॉर्चर की तरह था’, विमान में AC हुई खराब; यात्रियों को आया पैनिक अटैक

थाई एयरवेज की फ्लाइट टीजी 917 में यात्रियों को एयर कंडीशन सिस्टम में खराबी का सामना करना पड़ा। इस दौरान यात्रियों को कुछ पसीना आ रहा था और कई यात्रियों को पैनिक अटैक तक आ गया। AC खराब होने के दौरान फ्लाइट अटेंडेंट ने यात्रियों की कोई मदद नहीं की। एक यात्री ने फ्लाइट के अंदर अपने भयावह अनुभव को साझा किया है।

By Jagran News Edited By: Versha Singh Updated: Tue, 06 Aug 2024 02:02 PM (IST)
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थाई एयरवेज के विमान में AC हुई खराब; यात्रियों को आया पैनिक अटैक (फाइल फोटो)
ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली। अक्सर हम फ्लाइट्स में खराबी और दिक्कतों का सामना करने को लेकर कई खबरें सुनते हैं। आज फिर फ्लाइट से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। बता दें कि थाई एयरवेज की फ्लाइट टीजी 917 में एयर कंडीशन सिस्टम में खराबी आ गई जिसके कारण विमान को दो घंटे तक रोक दिया गया। इस दौरान विमान में भीषण गर्मी के कारण यात्रियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा। कई यात्रियों को सांस लेने में भी दिक्कतें हुईं तो कई को पैनिक अटैक तक आ गया। 

फ्लाइट में 2 घंटे तक बंद हुई AC

बता दें कि यह घटना 25 जुलाई को बोइंग 777 में हुई थी। इस घटना के बाद लंदन से बैंकॉक जाने वाली उड़ान को बाद में पूरी तरह से रद्द कर दिया गया।

इस वजह से यात्री विमान के अंदर गर्मी में फंस गए, जबकि चालक दल के सदस्य स्थिति पर नजर रखते हुए इसे ठीक करने का प्रयास करते रहे।

एक्सेटर विश्वविद्यालय के 26 वर्षीय छात्रा वारावलन मकसेन ने कहा, लोग विमान में फंस गए थे और बाहर नहीं निकल पा रहे थे। हमें बहुत गर्मी लग रही थी और हम लोग सांस नहीं ले पा रहे थे। छात्रा ने आगे कहा कि सौना में कम से कम आप जब चाहें बाहर निकल सकते हैं। उन्होंने कहा, यह एक तरह का टॉर्चर था।

कुछ यात्रियों को आया पैनिक अटैक

एक अन्य यात्री के अनुसार, तापमान इतना अधिक था कि यात्रियों को बहुत पसीना आने लगा और एक यात्री को पैनिक अटैक भी पड़ा।

छात्रा मकसेन ने दावा किया कि इस दौरान न तो भोजन दिया गया और न ही पानी, जिससे स्थिति और खराब हो गई। दो घंटे बाद, एक फ्लाइट अटेंडेंट ने ताजी हवा आने के लिए दरवाजा खोला और फ्लाइट के किचन एरिया में पानी उपलब्ध कराया।

हालांकि, हवाई अड्डे पर कर्फ्यू के कारण कोई भी तकनीशियन उपलब्ध नहीं था और यात्रियों को भीषण गर्मी में विमान के अंदर कई घंटे बिताने के बाद रात 11 बजे विमान से उतरने के लिए मजबूर होना पड़ा।

मकसेन ने कहा कि उड़ान को अगले दिन के लिए री-शेड्यूल किया गया और यात्रियों को उनके ठहरने के लिए दो विकल्प दिए गए। उन्होंने कहा कि हम या तो री-शेड्यूल फ्लाइट तक हवाई अड्डे पर सो सकते थे या होटल खोजने के लिए बस ले सकते थे। मैं और कई अन्य यात्री होटल जाने के लिए परिवहन की प्रतीक्षा करने के लिए बस स्टेशन गए।

एयरलाइन ने यात्रियों की नहीं की कोई मदद

उन्होंने आउटलेट को बताया कि एयरलाइन से कोई मदद नहीं मिली और यात्रियों का आखिरी समूह रात 2 बजे आखिरी तीन बसों के आने तक इंतजार करता रहा।

इस दौरान स्थिति बहुत भयावह थी और एयरलाइन द्वारा उपलब्ध कराए गए होटल में केवल आठ कमरे उपलब्ध थे। चूंकि परिवारों को प्राथमिकता दी गई थी, इसलिए मकसेन जैसे अकेले यात्रियों को अपने रहने के लिए खुद ही जगह की व्यवस्था करनी पड़ी।

सुश्री मकसेन ने कहा कि इसके अलावा, जब यात्री अगले दिन दोपहर 3:45 बजे फिर से विमान में सवार हुए तो विमान का इंजन चालू नहीं हुआ, जिससे उन्हें विमान के अंदर इंतजार करना पड़ा और फिर से उतरना पड़ा। शाम 6:49 बजे, यात्रियों को आखिरकार विमान में चढ़ने की अनुमति दी गई।

उन्होंने कहा, मैं थाई एयरवेज से बहुत निराश थी। उनकी सेवा बहुत ही खराब थी और मैंने घटना के बाद एक शिकायत के लिए उन्हें ईमेल भेजा। मुझे एक मुआवजा प्रस्ताव मिला है, या तो नकद या मेरी अगली उड़ान के लिए छूट वाउचर के रूप में, जिसे मैंने नकद के रूप में चुना क्योंकि मैं इस एयरलाइन के साथ फिर से उड़ान नहीं भरना चाहती हूं।

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