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Jadavpur University: सेना की वर्दी में जादवपुर यूनिवर्सिटी में घुसे लोगों पर केस दर्ज, वीसी का सामने आया बयान

सेना की वर्दी पहनकर पुरुषों और महिलाओं का एक ग्रुप जादवपुर विश्वविद्यालय में घुस गया था। ये ग्रुप विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के बाहर खड़ा हो गया। घटना के एक दिन बाद गुरुवार (24 अगस्त) को इसको लेकर जादवपुर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गई है। कार्यवाहक कुलपति बुद्धदेव साव ने ग्रुप से अपने पहचान पत्र के साथ एक लिखित विज्ञप्ति के जरिए अपना परिचय देने के लिए कहा।

By Jagran NewsEdited By: Abhinav AtreyUpdated: Fri, 25 Aug 2023 11:19 AM (IST)
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25-30 लोगों के साथ सेना की वर्दी में परिसर में घुसा ग्रुप (फोटो, जादवपुर विश्वविद्यालय)
कोलकाता, एजेंसी। सेना की वर्दी पहनकर पुरुषों और महिलाओं का एक ग्रुप जादवपुर विश्वविद्यालय में घुस गया था। ये ग्रुप विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के बाहर खड़ा हो गया। घटना के एक दिन बाद गुरुवार (24 अगस्त) को इसको लेकर जादवपुर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गई है।

जादवपुर विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति बुद्धदेव साव ने मीडिया से कहा कि ग्रुप ने खुद को मानवाधिकार समूह का प्रतिनिधि होने का दावा किया है। हालांकि, बुद्धदेव साव ने ग्रुप से अपने पहचान पत्र के साथ एक लिखित विज्ञप्ति के जरिए अपना परिचय देने के लिए कहा।

25-30 लोगों के साथ सेना की वर्दी में परिसर में घुसा ग्रुप

एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि जादवपुर पुलिस स्टेशन में 'एशियन ह्यूमन राइट्स सोसाइटी' के स्वयंभू महासचिव काजी सादिक हुसैन के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी, जो 25-30 अन्य लोगों के साथ सेना की वर्दी में बुधवार दोपहर विश्वविद्यालय परिसर में दाखिल हुए थे।

वीसी बुद्धदेव साव के ऑफिस में घुस गया ग्रुप

अधिकारी ने कहा, "शाम करीब 4.20 बजे काजी सादिक हुसैन नाम का एक व्यक्ति खुद को 'एशियन ह्यूमन राइट्स सोसाइटी' का महासचिव बताया। सादिक 20-30 अन्य लोगों के साथ सेना की वर्दी में विश्वविद्यालय परिसर में घुस गया।" गलत तरीके से जादवपुर विश्वविद्यालय परिसर में घुसने वाले ग्रुप के नेता दो अन्य लोगों के साथ बाद में वीसी बुद्धदेव साव के ऑफिस में गए और उसके तुरंत बाद वहां से चले गए।

बुद्धदेव साव ने मीडिया से कहा, "उन्होंने खुद को एक मानवाधिकार ग्रुप के रूप में पेश किया था। क्योंकि उन्होंने एक बैठक के लिए मुझे एक विज्ञप्ति भेजी थी, इसलिए मैंने उन्हें समय दिया। मैंने उनसे लिखित रूप में अपने पहचान पत्र देने के लिए कहा है।"