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'उन्हें शर्म आनी चाहिए', तिरुपति लड्डू विवाद पर बोले जगन रेड्डी- नायडू के झूठ से प्रभावित हुई प्रसाद की पवित्रता

Tirupati Laddu Row तिरुपति लड्डू विवाद को लेकर जगन रेड्डी ने सीएम चंद्रबाबू नायडू पर पलटवार करते हुए उन पर पूरे मामले में झूठ फैलाने का आरोप लगाया है। जगन रेड्डी ने कहा कि इसके लिए नायडू को शर्म आनी चाहिए। वहीं मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए स्वतंत्र एसआईटी के गठन का निर्देश दिया। जानिए मुद्दे पर किसने क्या कहा।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Fri, 04 Oct 2024 04:07 PM (IST)
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कोर्ट ने कहा कि मिलावट के आरोपों से भक्तों की आस्था को ठेस पहुंची है। (File Image)

एएनआई, अमरावती। तिरुपति लड्डू प्रसादम विवाद पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने चंद्रबाबू नायडू पर जमकर हमला बोला। जगन रेड्डी ने नायडू पर सरासर झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें इसके लिए शर्म आनी चाहिए।

जगन मोहन रेड्डी ने मामले पर मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, 'सुप्रीम कोर्ट ने सीएम चंद्रबाबू नायडू द्वारा की गई टिप्पणियों पर प्रकाश डाला, जिसमें कहा गया कि उन्होंने हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है और राजनीतिक नाटक के लिए धार्मिक मामलों का उपयोग करने के खिलाफ चेतावनी दी है।'

सरासर झूठ फैला रहे नायडू: जगन 

उन्होंने कहा, 'एसआईटी को भी रोक दिया गया था, जिसका गठन सीएम ने किया था। चंद्रबाबू नायडू की झूठी टिप्पणियों से टीटीडी और प्रसादम की पवित्रता को नुकसान पहुंचा है। यहां तक ​​कि अदालतों ने भी टीटीडी पर आरोप लगाने के लिए सीएम चंद्रबाबू नायडू से सवाल किए।'

वाईएसआरसीपी प्रमुख जगन रेड्डी ने कहा, 'कोर्ट के आदेश के बाद भी उन्हें (सीएम नायडू) झूठी खबर फैलाने के लिए शर्म महसूस करनी चाहिए। वह सरासर झूठ फैला रहे हैं। मुझे समझ में नहीं आता कि वह सोशल मीडिया पर क्यों पोस्ट कर रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने वाईएसआरसीपी के प्रति गुस्सा जताया है।'

कोर्ट ने स्वतंत्र एसआईटी के गठन का दिया आदेश

जगन रेड्डी ने कहा, 'उनके शासन (2014 से 2019) के दौरान 14 बार टैंकरों को वापस भेजा गया था। प्रसादम के निर्माण के लिए टीटीडी में एक मजबूत प्रणाली लागू की गई है। गुणवत्ता जांच से गुजरे बिना टैंकरों को उपयोग के लिए प्रवेश करने की अनुमति नहीं है। उत्पाद का उपयोग करने से पहले तीन परीक्षण किए जाने हैं। यदि कोई टैंकर एक भी परीक्षण में उत्तीर्ण होने में विफल रहता है तो उसे बिना उपयोग किए वापस भेज दिया जाएगा।'

इससे पहले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने पूरे मामले की जांच के लिए एक नई स्वतंत्र एसआईटी गठन करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि प्रसाद में मिलावट के आरोपों से दुनिया भर के भक्तों की आस्था को ठेस पहुंची है। हम नहीं चाहते कि यह मामला राजनीतिक ड्रामा बन जाए। अगर स्वतंत्र संस्था मामले की जांच करेगी तो लोगों का विश्वास पैदा होगा।