जागरण कृषि-पंचायत शिखर सम्मेलन का सफल आयोजन, कृषि पर चर्चा के लिए एकत्रित हुए एक्सपर्ट; किसानों को किया गया सम्मानित
कृषि क्षेत्र से जुड़े अहम मुद्दों चुनौतियों और उसके समाधान पर चर्चा के लिए मंच प्रदान करने के उद्देश्य से जागरण कृषि-पंचायत शिखर सम्मेलन का सफल आयोजन किया गया। जागरण न्यू मीडिया की ओर से आयोजित सम्मेलन में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए और कृषि के विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। साथ ही और भी कई विशिष्ट अतिथि उपस्थित हुए।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जागरण प्रकाशन लिमिटेड के डिजिटल विंग जागरण न्यू मीडिया ने सफल रूप से जागरण कृषि-पंचायत शिखर सम्मेलन और पुरस्कार 2024 के उद्घाटन संस्करण की मेजबानी की। कार्यक्रम का आयोजन 27 अगस्त 2024 को नई दिल्ली के अशोका होटल में किया गया। इसके तहत कृषि क्षेत्र में क्रांति लाने के उद्देश्य से व्यावहारिक चर्चा और अपनी राय व्यक्त करने के लिए देश के शीर्ष नीति निर्माता, कृषि-व्यवसाय नेता, कृषि-स्टार्टअप, वैज्ञानिक, किसान और कार्यकर्ता एक मंच पर एकत्रित हुए।
जागरण न्यू मीडिया के सब्सक्रिप्शन और गहन कवरेज वाली खबरें देने वाले प्लेटफार्म 'जागरण प्राइम' द्वारा उत्तराखंड सरकार के कृषि विभाग, निदेशालय बागवानी एवं फार्म वानिकी छत्तीसगढ़ और मदर डेयरी के साथ मिलकर इस शिखर सम्मेलन के पहले संस्करण का आयोजन कराया गया। इसमें कृषि के विकास और नवाचार से जुड़ी नीतियां, उनमें आने वाली चुनौतियां और उनके समाधान पर चर्चा की गई।
CEO भरत गुप्ता ने किया अतिथियों का स्वागत
सम्मेलन के दौरान जागरण न्यू मीडिया के सीईओ भरत गुप्ता ने गणमान्य अतिथियों का गर्मजोशी से स्वागत किया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में देश के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान, छत्तीसगढ़ के कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री रामविचार नेताम, उत्तराखंड के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री गणेश जोशी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे।प्रधान संपादक राजेश उपाध्याय ने दिया स्वागत भाषण
जागरण न्यू मीडिया के प्रधान संपादक और कार्यकारी अध्यक्ष राजेश उपाध्याय ने स्वागत भाषण के साथ सम्मेलन की शुरुआत की, जिसमें उन्होंने भारत में खाद्य सुरक्षा और इस क्षेत्र में वैश्विक निर्यातक बनने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति के अवसरों पर अंतर्दृष्टि साझा की। उन्होंने आगे आने वाली चुनौतियों को भी स्वीकार किया, जैसे कि जलवायु परिवर्तन और युवा प्रतिभाओं को खेती में आकर्षित करने की महत्वपूर्ण आवश्यकता, विशेष रूप से खाद्य प्रसंस्करण और कृषि निर्यात के क्षेत्रों में उपलब्ध अपार अवसरों की ओर इशारा करते हुए। अपने स्वागत भाषण को समाप्त करते हुए उन्होंने कृषि-पंचायत शिखर सम्मेलन की भूमिका और इसके महत्व पर प्रकाश डाला कि कैसे इस सम्मेलन ने सभी हितधारकों को चर्चा करने और अवसरों का उपयोग करने के लिए एक साझा मंच प्रदान किया, जिससे सुनिश्चित किया जा सके कि भारत की कृषि विकसित होती रहे और वैश्विक अर्थव्यवस्था में योगदान दे।
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान बतौर मुख्य अतिथि हुए शामिल
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि में नवाचार और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान इसकी जीवनरेखा हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किसान सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता दोनों है, जो देश की खाद्य सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इस पर विचार करते हुए उन्होंने खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने और किसानों की आय बढ़ाने पर सरकार के दोहरे फोकस को साझा किया।उन्होंने किसानों और वैज्ञानिकों के बीच अंतर को पाटने के लिए 'प्रयोगशाला को भूमि' से जोड़ने के चल रहे प्रयासों पर भी चर्चा की, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अत्याधुनिक अनुसंधान जमीनी स्तर तक पहुंचे। इसके अलावा कृषि मंत्री ने कृषि में विविधता लाने, किसानों को गेहूं और धान जैसी पारंपरिक फसलों के साथ-साथ मछली पालन, मधुमक्खी पालन और हाइड्रोपोनिक्स जैसी नए विकल्पों का उपयोग करने के लिए भी प्रोत्साहित किया।