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बायोमेट्रिक लॉक से अब 'आधार' का नहीं हो सकेगा गलत इस्तेमाल

आधार में मौजूद अपनी जानकारी को सिक्योर करने के लिए UIDAI की साइट से बायोमेट्रिक लॉक-अनलॉक सुविधा का लाभ उठाया जा सकता है।

By Lalit RaiEdited By: Updated: Sat, 20 Jan 2018 05:43 PM (IST)
बायोमेट्रिक लॉक से अब 'आधार' का नहीं हो सकेगा गलत इस्तेमाल

नई दिल्‍ली [अमित निधि]। आज आधार कार्ड बेहद जरूरी डॉक्यूमेंट बन गया है। अगर आपके मन में भी आधार के दुरुपयोग को लेकर कोई आशंका है, तो बायोमेट्रिक लॉक-अनलॉक की सुविधा तो पहले से ही है। अब यूआइडीएआइ ने वर्चुअल आइडी भी पेश किया है। आइए जानते हैं कैसे आधार कार्ड को सिक्योर रखा जा सकता है...
आज आधार का इस्तेमाल लगभग सभी तरह के सरकारी कार्यों में होने लगा है। सरकारी सब्सिडी लेने से लेकर बच्चों के एडमिशन तक में यह जरूरी हो गया है। आधार में मौजूद अपनी जानकारी को सिक्योर करने के लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) की साइट से बायोमेट्रिक लॉक-अनलॉक सुविधा का लाभ उठाया जा सकता है। इसकी मदद से आधार डिटेल्स को जब चाहें, लॉक और अनलॉक कर सकते हैं, जिससे इसके दुरुपयोग को रोका जा सकता है।
कैसे करें बायोमेट्रिक लॉक
आधार कार्ड बनाते समय बायोमेट्रिक जानकारी देनी पड़ती है। बायोमेट्रिक डाटा को लॉक करके कोई भी व्यक्ति आधार कार्ड की जानकारी को सुरक्षित रख सकता है। हालांकि जब आप एक बार अपना बायोमेट्रिक डाटा लॉक कर लेते हैं, तो उसका इस्तेमाल तब तक नहीं किया जा सकता है, जब तक आप उसे अनलॉक नहीं करेंगे। यह सुविधा केवल ऑनलाइन उपलब्ध है। इसके लिए आधार के साथ रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर की जरूरत होती है। यदि आपका मोबाइल नंबर आधार के साथ रजिस्टर नहीं है, तो उसे आसपास के सेंटर से अपडेट करवा लें।
- सबसे पहले आधार कार्ड की वेबसाइट https://uidai.gov.in को ओपन करें। यहां पर आधार सर्विसेज में जाएं। इसी सेक्शन में आपको लॉक/अनलॉक बायोमेट्रिक(https://resident.uidai.gov.in/biometric-lock) का विकल्प मिलेगा, उस पर क्लिक करें।


- इस पर क्लिक करने के बाद नया पेज खुलेगा। जहां पर बायोमेट्रिक लॉक/ अनलॉक से जुड़ी जरूरी जानकारी दी गई हैं। इसे अच्छे से पढ़ने के बाद नीचे की तरफ आपको अपना आधार नंबर और एक सिक्योरिटी कोड (कैप्चा) डालना होगा। इसे डालने के बाद नीचे आ रहे सेंड ओटीपी पर क्लिक करें। क्लिक करते ही आधार नंबर के साथ रजिस्टर मोबाइल नंबर पर ओटीपी आ जाएगा। अब ओटीपी डालकर लॉगइन कर लें।
-लॉगइन करने के बाद अपना डाटा लॉक करने के लिए फिर से सिक्योरिटी कोड डालकर एनेबल पर क्लिक करें। यहां क्लिक करते ही Congratulation! Your Biometrics is Locked लिखा आ जाएगा। इसके नीचे एक मैसेज भी मिलेगा कि अब आप फिंगरप्रिंट और आइरिश के जरिए अथेंटिकेशन नहीं कर पाएंगे। अथेंटिकेशन के लिए बायोमेट्रिक लॉक को टेम्पररी अनलॉक करना होगा। आप चाहें, तो बायोमेट्रिक लॉक को डिसेबल भी कर सकते हैं। इसके लिए फिर से आपको लॉगइन करना होगा।
बायोमेट्रिक अनलॉक का तरीका
जैसे आपने अपने आधार कार्ड को लॉक किया है, उसी तरह अपने आधार कार्ड को अनलॉक/ डिसेबल भी कर सकते हैं। -डाटा अनलॉक करने के लिए सबसे पहले https://resident.uidai.gov.in/biometric-lock बेवसाइट पर जाकर लॉगइन कर लें। इसके बाद एनेबल और डिसेबल के दो ऑप्शन मिलेंगे। अब उसी पेज पर दिखाई दे रहे सिक्योरिटी कोड डालकर एनेबल पर क्लिक कर दें। क्लिक करते ही डाटा का लॉक खुल जाएगा। यहां भी ओटीपी नंबर आपके मोबाइल पर आएगा।

- अगर आपको अपना आधार कार्ड अनलॉक करना है, तो यहां से कर सकते हैं। आधार कार्ड को अनलॉक करने पर यह सिर्फ कुछ मिनट के लिए अनलॉक होगा उसके बाद यह अपने आप लॉक हो जाएगा।

- अगर आप चाहते हैं कि आपका आधार कार्ड हमेशा के लिए अनलॉक हो जाए, तो फिर आपको डिसेबल के बटन पर क्लिक करना पड़ेगा। डिसेबल के बटन पर क्लिक करने के बाद आपका आधार कार्ड हमेशा के लिए अनलॉक हो जाएगा। -यदि कोई व्यक्ति आपके बायोमेट्रिक डाटा (फिंगरप्रिंट/आइरिस) को अनलॉक करने के लिए ऑथेंटिकेशन सेवाओं का उपयोग करने की कोशिश करता है, तो एक एरर कोड दिखाया जाएगा। यह कोड यह दर्शाता है कि बायोमेट्रिक लॉक है।
वर्चुअल आइडी का इस्तेमाल
आने वाले दिनों में आधार की सिक्योरिटी के लिए वर्चुअल आइडी का इस्तेमाल कर सकेंगे। इसे 1 मार्च, 2018 से स्वीकार किया जाने लगेगा। कोई भी कार्डधारक कितनी भी वर्चुअल आइडी बना सकते हैं। इसके जरिए बिना आधार संख्या साझा किए सिम के सत्यापन समेत कई अन्य कार्य किए जा सकते हैं। अगर यूजर को अपने आधार नंबर की जरूरत होगी तो वह यूआइडीएआइ की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर या फोन पर एमआधार एप का इस्तेमाल कर उसी समय 16 डिजिट का वर्चुअल आइडी जनरेट कर सकेंगे। यह नंबर 12 डिजिट के असली आधार नंबर के लिए मास्क की तरह काम करेगा। वर्चुअल आइडी से सिर्फ नाम, पता और व्यक्ति की फोटो को एक्सेस किया जा सकेगा।
यूआइडीएआइ के अनुसार यह वर्चुअल आइडी अस्थायी होगा। हर आइडी की वेलिडिटी की समय सीमा होगी। अगर कोई भी व्यक्ति वर्चुअल आइडी जनरेट करता है, तो पुरानी वाली आइडी अपने आप रद्द हो जाएगी यानी एक व्यक्ति के लिए एक समय पर एक ही वर्चुअल आइडी का इस्तेमाल किया जा सकेगा।
फेस अथेंटिकेशन फीचर
आधार कार्ड की सिक्योरिटी के लिए यूआइडीएआइ ने नया सिक्योरिटी फीचर जारी किया है जिसमें फिंगरप्रिंट और आंख की पुतलियों के अलावा चेहरे को भी पहचान कर आधार बनाया जाएगा। सुरक्षा का यह नया फीचर इसी साल जुलाई से शुरू किया जाएगा। अब जब आधार कार्ड बनाया जाएगा तो एनरोलमेंट कराने वाले शख्स के चेहरे की भी फोटो ली जाएगी। यह फोटो में आधार में जुड़ने वाले विशेष फीचर से व्यक्ति को पहचानने में मदद करेगी। इससे फीचर से लोगों की पहचान करने में आसानी होगी। साथ कहा जा रहा है कि जुलाई से नया आधार कार्ड बनवाने वाले को यह विकल्प होगा कि यदि उसकी आखों या अंगुलियों में कोई दिक्कत है और वह इनकी बजाय अपने चेहरे का वेरिफिकेशन फोटो क्लिक करा सकते हैं।
जानें कब-कब हुआ है आधार का इस्तेमाल
ऑथेंटिकेशन के लिए कब-कब आधार का इस्तेमाल हुआ है, इसके बारे में आसानी से जान सकते हैं। इससे लिए आधार की वेबसाइट पर आधार सर्विसेज वाले सेक्शन में जाएं, यहां सबसे नीचे आपको आधार ऑथेंटिकेशन हिस्ट्री ( https://resident.uidai.gov.in/notification-aadhaar )का विकल्प मिलेगा। इस पर क्लिक करने के बाद एक पेज खुलेगा। यहां पर अपना आधार नंबर डालें और कैप्चा कोड भी डालना होगा। इसके बाद जनरेट ओटीपी पर क्लिक करें। ओटीपी रजिस्टर मोबाइल नंबर पर मिलेगा। फिर जो पेज खुलेगा वहां अलग-अलग ऑथेंटिकेशन रिक्वेस्ट को फिल्टर करने की सुविधा मिलेगी। यहां पर किसी खास तारीखों के बीच भी जांच सकते हैं। इसकी सीमा 6 महीने की है। आखिरी फील्ड ओटीपी का है। यहां पर ओटीपी डालें और सब्मिट पर क्लिक कर दें। इसके बाद आप आधार ऑथेंटिकेशन रिक्वेस्ट का विस्तृत ब्योरा देख पाएंगे। यहां पर तारीख, समय और किस तरह से अथेंटिकेशन हुआ है, ये सारी जानकारियां मिलती हैं।