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यहां किलो के हिसाब से बिकते हैं लैपटॉप, खरीददारों की लगती है कतार

अगर आप लैपटॉप खरीदना चाहते हैं तो यहां आपको किलो के हिसाब से भी लैपटॉप मिल जाते हैं। यह कीमत 3000 रुपये किलो से शुरू हो सकती है।

By Digpal SinghEdited By: Updated: Wed, 23 Aug 2017 09:05 AM (IST)
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यहां किलो के हिसाब से बिकते हैं लैपटॉप, खरीददारों की लगती है कतार
नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। कंप्यूटर हम सबकी आधुनिक जीवनशैली की जरूरत बन गए हैं। खासकर लैपटॉप के आने से सहूलियत और बढ़ गई। लैपटॉप के साथ अपनी डिजिटल दुनिया को आप कहीं भी लेकर जा सकते हैं। लेकिन अब भी लैपटॉप खासे महंगे हैं, जिस वजह से यह हर किसी के बजट में नहीं समाते। अगर आप भी अपने लिए लैपटॉप लेना चाहते हैं और महंगा होने की वजह से नहीं खरीद पाते तो यह खबर खास तौर पर आपके लिए ही है।
 
हर किसी की जरूरत बना लैपटॉप
लैपटॉप आजकल जरूरी गैजेट बन गया है। फिर चाहे आपको अपने दफ्तर का काम निपटाना हो या फिर बच्चे को स्कूल मिला होमवर्क हो, सभी के लिए बेहद जरूरी चीज बन गया है। इंटरनेट से जुड़कर यह पोर्टेबल डिवाइस कमाल का पैकेज बन जाता है। इंटरनेट पर वीडियो देखने हों, फिल्में देखनी हों या फिर सोशल मीडिया पर दोस्तों के साथ चैट करनी हों। क्लाउड पर अपने डॉक्यूमेंट सुरक्षित रखने हों या फिर ऐसे ही कुछ और काम इन सबको लैपटॉप के जरिए आसानी से निपटाया जा सकता है।
 
 
यहां किलो के भाव मिलते हैं लैपटॉप?
अगर आप दिल्ली-एनसीआर में रहते हैं तो फिर आपको पता ही होगा कि दिल्ली में नेहरू पैलेस देश की सबसे बड़ी कंप्यूटर मार्केट है। यहां कंप्यूटर से जुड़ी हर चीज आसानी से और सस्ती दरों पर मिल जाती हैं। अगर आप इस मार्केट में पहली बार भी जाएं तो यहां से इतने सस्ते में कंप्यूटर पार्ट्स खरीदकर ला सकते हैं, जितने देश के किसी भी कोने में नहीं मिलेंगे। नेहरू पैलेस को एशिया की सबसे सस्ती कंप्यूटर मार्केट भी कहा जाता है। अगर आप लैपटॉप खरीदना चाहते हैं तो यहां आपको किलो के हिसाब से भी लैपटॉप मिल जाते हैं। यह कीमत 3000 रुपये किलो से शुरू हो सकती है।
 
नेहरू पैलेस इनता सस्ता क्यों?
लाइफलाइन इंटरनेशनल लिमिटेड के जीवन जैन बताते हैं कि वे 1982 से इस क्षेत्र में हैं। उन्होंने Jagran.Com से खास बातचीत में बताया कि वॉल्यूम यानी थोक मार्केट के कारण यहां सस्ता सामान मिल जाता है। इसके अलावा नेहरू पैलेस में आपसी कॉम्पटीशन इतना ज्यादा है कि तमाम दुकानदार बहुत ही कम मार्जिन पर सामान बेच देते हैं। यही नहीं यहां लोगों को मिक्स एंड मैच डील मिल जाती है, इसलिए यहां बड़ी संख्या में खरीददार पहुंचते हैं। यहां सस्ता सामान मिलने के पीछे वह इंफ्रास्ट्रक्चर की कॉस्ट कम होने को भी कारण बताते हैं।
 
 
नेहरू पैलेस मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष महेंद्र अग्रवाल ने भी Jagran.Com से खास बातचीत में बताया कि यह एशिया की सबसे बड़ी मार्केट है। दिल्ली में माल इंपोर्ट होने की वजह से इसे नेहरू पैलेस पहुंचाने में फ्रेट चार्ज कम से कम लगता है, जबकि देश के अन्य हिस्सों में फ्रेट पर भारी खर्च होता है। यहां के सभी इंपोटर बड़ी मात्रा में माल इंपोर्ट करते हैं, जबकि देश के अन्य हिस्सों में इंपोर्टर कम माल लेते हैं, इसलिए नेहरू पैलेस में हमेशा सस्ता सामान मिलेगा।
 
 
पुराने उत्पादों का बड़ा कारोबार
नेहरू पैलेस एक ऐसी मार्केट है, जहां पुराने कंप्यूटर उत्पादों का भी बड़ा व्यापार होता है। यहां के दुकानदार कंपनियों से बड़ी मात्रा में पुराना माल खरीद लेते हैं। इसके बाद उन्हें रिपेयर करके ऐसी कीमत पर बेचते हैं, जिससे वह हाथों-हाथ बिक सके। यही कारण है कि यहां किलो की दर से लैपटॉप मिल जाते हैं। पुराने और नॉनवर्किंग लैपटॉप को ठीक करके साफ किया जाता है और खराब पार्ट्स को बदलकर एक बार फिर ऐसे ग्राहकों को बेच दिया जाता है, जो महंगे लैपटॉप नहीं खरीद पाते और पुराने से काम चलाने को तैयार हैं।