बलूचिस्तान के बच्चों को लेकर आतंकियों की नई ब्रिगेड बना रहा है पाकिस्तान!
पाकिस्तान बलूचिस्तान के लोगों के ऊपर जुल्म ढहाने के बाद अब वहां के बच्चों को आतंकी बनने की ट्रेनिंग देने में लगा हुआ है।
नई दिल्ली [स्पेशल डेस्क]। पाकिस्तान बलूचिस्तान के लोगों के ऊपर जुल्म ढहाने के बाद अब वहां के बच्चों को आतंकी बनने की ट्रेनिंग देने में लगा हुआ है। माना जा रहा है कि वह ऐसा करके वहां के बच्चों को साथ लेकर आतंकियों की नई ब्रिगेट तैयार कर रहा है। यह खुलासा उत्तरी कश्मीर के बारामुला जिले से गिरफ्तार लश्कर-ए-तैयबा के दो कश्मीरी आतंकियों ने पूछताछ में किया है। इन आतंकियों को शनिवार को गिरफ्तार किया गया था। कश्मीर के आईजीपी मुनीर खान के मुताबिक पूछताछ में इन आतंकियों ने कई ऐसे खुलासे किए हैं जिनसे पाकिस्तान की सरकार और फौज की आतंकियों के साथ मिलीभगत और भारत में आतंकी हमले कराने की कारगुजारियों का खुलासा होता है। इन आतंकियों ने पूछताछ में यह भी कबूल किया है कि उन्हें नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान के हाई कमीशन ने वीजा मुहैया करवाया था।
बच्चों को गुमराह करने की तैयारी में पाक
पुलिस ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में कश्मीर में ऐसे कई गुटों को पकड़ा गया है, जो बच्चों को गुमराह कर उन्हें आतंकी प्रशिक्षण देने के लिए सीमा पार भेजने की तैयारी में थे। ऐसे कई युवाओं को हिरासत में लिया गया है, जबकि कई आतंकी मारे भी गए हैं। पुलिस ने अभिभावकों से भी अपने बच्चों पर नजर रखने को कहा है, ताकि कोई उन्हें गुमराह न कर सके।दी गई आतंकी ट्रेनिंग
बड़ी वारदात को अंजाम देने से पहले ही हो गए गिरफ्तार
लश्कर के दोनों आतंकियों को सुरक्षाबलों ने बारामुला में एक नाके पर गिरफ्तार किया। दोनों आतंकी पाकिस्तान से प्रशिक्षण लेकर बाघा-अटारी बार्डर से लौट रहे थे। इससे पहले कि ये कश्मीर में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देते उन्हें पकड़ लिया गया। गिरफ्तार आतंकियों की पहचान अब्दुल मजीद भट निवासी क्रीरी और मोहम्मद अशरफ मीर निवासी पट्टन के रूप में हुई है। क्रीरी और पट्टन बारामुला जिले में हैं।पूछताछ में बताया आतंकी कमांडरों का नाम
पाक की ये खौफनाक साजिश
इतना ही नहीं पाकिस्तान ने एक और खौफनाक साजिश को अंजाम देना शुरू कर दिया है। इसके तहत पाकिस्तान के इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज में ऐसे कश्मीरी युवाओं को स्कॉलरशिप दी जा रही है जिनका संबंध या तो आतंकी परिवारों से है या फिर अलगाववादियों से उनके संबंध हैं। ऐसे बच्चों को नई दिल्ली स्थित उच्चायोग हुर्रियत नेताओं की सिफारिश पर आसानी से वीजा उपल्ब्ध करवा रहा है। इस बात का जिक्र एनआइए ने अपनी चार्जशीट में किया है। इसके बाद घाटी के युवाओं का पाकिस्तान के मेडिकल एवं इंजीनियरिंग कॉलेजों में सहजता से दाखिला हो जाता है। यह चार्जशीट टेरर फंडिंग के एक मामले में दिल्ली की एक अदालत में दायर की गई है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) का कहना है कि ऐसा कर के पाकिस्तान इन लोगों को अपना पिट्ठू बनाना चाहता है। एजेंसी के अनुसार, जांच के दौरान पाया गया कि ज्यादातर आतंकियों और अलगाववादियों के रिश्तेदार ही एमबीबीएस और इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए वीजा लेकर पाकिस्तान जा रहे हैं। जांच एजेंसी का आरोप है कि आतंकी, हुर्रियत और पाक सरकार के गठजोड़ से कश्मीर में पाकिस्तान समर्थक डॉक्टरों और इंजीनियरों की पूरी फौज तैयार करने की गहरी साजिश चल रही है।चार्जशीट में इनका भी नाम
कब कब हुई गिरफ्तारी
4 फरवरी, 2017 : दो आतंकी अजरुद्दीन उर्फ काजी (निवासी कुपवाड़ा) और सज्जाद अहमद उर्फ बाबर (निवासी डूरू सोपोर) सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए थे। दोनों वीजा लेकर ही पाकिस्तान में ट्रेनिंग लेने गए थे और वापस आकर आतंकी गतिविधियों में शामिल हुए थे।जुलाई, 2017 : आतंकी अब्दुल रशीद भट (निवासी सोपोर) को भी बारामुला पुलिस ने गिरफ्तार किया था। वह भी वीजा लेकर पाकिस्तान ट्रेनिंग के लिए गया था।14अगस्त, 2017 : आतंकी सुहेब फारूक उर्फ फारूक अहमद आखून (निवासी खानापोरा) भी पाकिस्तान में वीजा लेकर प्रशिक्षण करने के लिए गया और वहां से लौटकर कश्मीर में अभी भी आतंकी गतिविधियों में शामिल है।