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US ने ऐसे बढ़ाई पाकिस्‍तान की मुसीबत और भारत की हुई बल्‍ले-बल्‍ले

अमेरिका ने पाकिस्‍तान पर नकेल कसने के‍ लिए कुछ विधेयकोें को पास किया है जिनसे पाकिस्‍तान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। वहीं दूसरी ओर भारत से रक्षा सहयोग बढ़ाने पर भी मुहर लगा दी है।

By Kamal VermaEdited By: Kamal VermaUpdated: Sun, 16 Jul 2017 03:40 PM (IST)
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नई दिल्‍ली (स्‍पेशल डेस्‍क)। अमेरिका ने पाकिस्‍तान पर नकेल कसने के साथ-साथ भारत से सहयोग बढ़ाने पर अपनी मुहर लगा दी है। इसके तहत अमेरिकी सदन में जहां भारत के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाने को लेकर प्रस्‍ताव पारित कर दिया गया है वहीं दूसरी तरफ पाकिस्‍तान को आतंक के खात्‍मे के नाम पर मिलने वाली राशि पर कई शर्तें रख दी गई हैं। अमेरिका ने साफ कर दिया है कि यदि पाकिस्‍तान ने अपने यहां से आतंकवाद की फैक्‍टरी बंद नहीं की तो उसको मिलने वाली मदद पूरी तरह से रोक दी जाएगी। इतना ही नही अमे‍िरिकी सदन में पहली बार बलूचों के खिलाफ हो रहे अत्‍याचार पर भी सांसदों में चिंता दिखाई दी। सांसद डाना रोहराबेकर ने कहा कि रक्षा मंत्री यह सुनिश्चत करें कि पाक अमेरिका से मिले हथियार बलूचों समेत अन्य धार्मिक और राजनीतिक अल्पसंख्यक समूहों के खिलाफ तो नहीं कर रहा है।

पाक को हथियारों की बिक्री पर अंकुश लगाने का प्रस्‍ताव

अमेरिका की एक संसदीय समिति ने स्टेट एंड फॉरेन ऑपरेशंस बिल पारित किया है, जिसमें पाक को हथियारों की बिक्री पर अंकुश लगाने का प्रस्ताव है। अब यह संसद में पेश होगा। विधेयक में सांसद टेड पोए ने एक संशोधन रखा, जिसमें प्रस्ताव रखा गया है कि जब तक रक्षा मंत्री यह पुष्टि ना कर सकें कि पाकिस्तान अमेरिका द्वारा घोषित किसी भी आतंकवादी को सैन्य, वित्तीय मदद या साजोसामान उपलब्ध नहीं करा रहा तब तक पाक को दी जाने वाली वित्तीय मदद रोक दी जाए।

भारत के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाने पर मुहर

वहीं दूसरी तरफ अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने 621.5 अरब डॉलर के रक्षा विधेयक में भारत के साथ इस क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर भी मुहर लगाई है। भारतीय अमेरिकी सांसद एमी बेरा ने शुक्रवार को भारत से रक्षा सहयोग बढ़ाने का संशोधन ध्वनिमत से पारित कर दिया। यह कानून इस साल एक अक्टूबर से लागू होगा। इसमें कहा गया है कि विदेश मंत्री के साथ सलाह करके रक्षा मंत्री अमेरिका एवं भारत के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने की रणनीति बनाएंगे।

पाकिस्‍तान पर नकेल के लिए भी प्रस्‍ताव

पाकिस्‍तान पर नकेल कसने के लिए जो रक्षा विधेयक पारित किया गया है उसमें कहा गया है कि सीमापार आतंकवाद न रोकने पर पाकिस्तान को अमेरिका से सैन्य मदद नहीं मिलेगी। अमेरिका अब पाक को मदद देने से पहले देखेगा कि उसने सभी तरह के आतंकी संगठनों और आतंकियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की, जिसको लेकर अमेरिका लगातार चिंता जताता रहा है। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में पेश 45 हजार करोड़ के रक्षा विधेयक में तीन संशोधन भारी बहुमत से पारित किए गए। सदन ने 81 के मुकाबले 344 मतों से इसे पारित कर दिया। इसमें  शर्त रखी गई है कि वित्तीय मदद दिए पाने के लिए पाक को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में संतोषजनक प्रगति दिखानी होगी।

पाकिस्‍तान पर रखी जाएगी नजर

विधेयक के अनुसार, अमेरिकी रक्षा मंत्री पाक को सैन्य मदद जारी करने से पहले यह प्रमाणित करेंगे कि उसने अफगानिस्तान में अमेरिकी फौजों को सैन्य साजोसामान पहुंचाने वाले रास्तों पर सुरक्षा मुहैया करा रखी है। पाक को यह साबित करना होगा कि उसने उत्तर वजीरिस्तान में हक्कानी नेटवर्क को ध्वस्त किया और आतंकवादरोधी अभियान में अफगानिस्तान सहयोग किया कर रहा है।

विधेयक के बाद क्‍या है नियम

रक्षा विधेयक में संशोधन के बाद रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री के पास अमेरिका और भारत के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए एक रणनीति बनाने के वास्ते 180 दिन का समय होगा। विधेयक पारित किए जाने के बाद विदेश मंत्रालय और पेंटागन को एक ऐसी रणनीति तैयार करनी होगी जो साझा सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में सक्षम हो, जिसमें भारत-अमेरिका रक्षा संबंध में अमेरिकी साझेदारों और सहयोगियों की भूमिका और रक्षा तकनीक एवं औद्योगिक पहल की भूमिका का भी जिक्र हो।