Mahavir Jayanti 2023: हीरे के कारोबार में 60 फीसदी है जैन समाज का नियंत्रण, पढ़ें इस धर्म से जुड़े रोचक तथ्य
Mahavir Jayanti 2023 भगवान महावीर जयंती का पर्व चार अप्रैल 2023 को धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस अवसर पर हम आपको दुनिया के सबसे पुराने धर्मों में शामिल जैन धर्म से जुड़े कुछ रोचक तथ्य बताने जा रहे हैं जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
By Babli KumariEdited By: Babli KumariUpdated: Tue, 04 Apr 2023 02:50 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण डेस्क। Mahavir Jayanti 2023: भगवान महावीर जयंती का पर्व चार अप्रैल 2023 को धूमधाम से मनाया जा रहा है। जैन धर्म में कुल 24 तीर्थंकर हैं, जिसमें महावीर स्वामी 24वें और आखिरी तीर्थंकर हैं। महावीर स्वामी का जन्म का 599 ई. पू. में बिहार के वैशाली में कुंडलग्राम क्षेत्र में हुआ था।
महावीर स्वामी का बचपन का नाम वर्धमान हुआ करता था। वहीं, महावीर स्वामी ने 72 साल की उम्र में अपना शरीर त्याग दिया था। आपको बता दें कि यह धर्म आज के ज़माने में बहुत ही Prosper (समृद्ध) धर्म की श्रेणी में आता हैं। आज हम आपको दुनिया के सबसे पुराने धर्मों में शामिल जैन धर्म के बारे में कुछ रोचक तथ्य बताने जा रहे हैं, जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
1. जैन धर्म का इतिहास करीब 2500 साल पुराना है। यह दुनिया के सबसे पुराने धर्मों में शामिल है। जैन धर्म का अध्यात्मिक लक्ष्य पुनर्जन्म के अंतहीन चक्र से मुक्त होकर मोक्ष को प्राप्त करना है। जैन धर्म में किसी भी जीव को नुकसान नहीं पहुंचाने में विश्वास किया जाता है।
2. भारत में अधिकतर जैन पश्चिम भारत में हैं। भारत में जैन का इतिहास पूर्व क्षेत्र से शुरू हुआ था, हालांकि कुछ जैन पूर्वी क्षेत्र में रह गए, जबकि कुछ जैन पश्चिम भारत की ओर चले गए। ऐसा माना जाता है कि क्षेत्रीय बदलाव 300 ई. पू. से शुरू हुआ था। वहीं, महाराष्ट्र में जैन समुदाय के अधिक लोग रहते हैं। इसके अलावा अमेरिका में भी जैन समुदाय के लोग रहते हैं।
3. यह धर्म भी बौद्ध धर्म की ही तरह हैं। यह धर्म भी उसकी ही तरह नियमों का पालन करता हैं। ये लोग जानवरों के प्रति बहुत ही विनम्र होते हैं।
4. 2011 की जनसंख्या के आंकड़ों के मुताबिक, जैन धर्म के 34 फीसदी युवाओं के पास कॉलेज की डिग्री थी, जबकि उस समय सामान्य अन्य भारतीयों युवाओं का यह आंकड़ा सिर्फ 9 फीसदी थी।5. जैन और हिंदू धर्म में कुछ सामानताएं भी देखने को मिलती हैं। उदाहरण के तौर पर, दोनों ही धर्म कर्मा में विश्वास करते हैं। यानि दोनों धर्म के लोगों का मानना है कि मनुष्य जो करता है, उसको उस आधार पर ही फल मिलता है। यानि किसी व्यक्ति ने यदि अच्छे कर्म किए हैं, तो उसे उसके अच्छे कर्मों का फल मिलेगा, जबकि यदि किसी व्यक्ति ने बुरे कर्म किए हैं, तो भी उसे उसके बुरे कर्मों को फल मिलेगा।
6. जैन धर्म के अनुसार, जो चीज सजीव है, उसकी आत्मा होती है। फिर चाहे मनुष्य हो या फिर पेड़। सभी प्रकार के जीवों में आत्मा का वास होता है।
7. जैन धर्म में दिगंबर जैन वस्त्र धारण नहीं करते हैं, क्योंकि उनका मानना है कि केवल आकाश ही उनका वस्त्र है। ऐसे में वे जीवनभर किसी भी प्रकार के वस्त्र का धारण नहीं करते हैं। इसके साथ ही वे किसी भी स्थान पर आने-जाने के लिए पैदल यात्रा ही करते हैं और किसी भी चीज को हाथ में ही लेकर खाते हैं।
8. जैन धर्म में सबसे बड़ा पर्व पर्यूषण होता है, जो कि अगस्त-सितंबर में मनाया जाता है।9. विश्व में होने वाले हीरे के कारोबार में 60 फीसदी नियंत्रण जैन समुदाय का ही है।10. जैन धर्म में स्वेतांबर जैन के लोग मुंह पर सफेद कपड़ा बांधकर रखते हैं या फिर सफेद मास्क पहनते हैं। मुंह पर कपड़ा रखने की वजह को बताया जाता है कि स्वेतांबर धर्म के लोग मुंह के माध्यम से बैक्टिरिया मुंह में जाने पर भी जीव हत्या को मानते हैं, जबकि जैन धर्म में अहिंसा का पालन करने की शिक्षा दी जाती है।