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सेना में फर्जी नियुक्ति करने वाले गिरोह का सरगना निकला सड़क हादसे में मारा गया शख्स

मृतक के भाई चंद्रप्रकाश की मौजूदगी में जयप्रकाश के घर पर डेढ़ घंटे चली सर्चिंग में प्रिंटर हार्डडिस्क सहित कई चीजें भी मिली हैं।

By Dhyanendra SinghEdited By: Updated: Thu, 31 Oct 2019 10:38 PM (IST)
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सेना में फर्जी नियुक्ति करने वाले गिरोह का सरगना निकला सड़क हादसे में मारा गया शख्स
इंदौर, जेएनएन। मध्य प्रदेश के इंदौर-देवास बायपास पर सड़क हादसे में मृत सेना के सफाईकर्मी और फर्जी लेफ्टिनेंट जयप्रकाश झा के लैपटॉप और मोबाइल की जांच में चौंकाने वाली जानकारियां मिली हैं। उसने सेना में भर्ती के लिए फर्जी वेबसाइट भी बना ली थी। वह किसी प्रशिक्षण अकादमी की तरह भारतीय सेना, रक्षा मंत्रालय से संबंधित कर्मचारियों की कथित भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन लेकर परीक्षा और प्रशिक्षण भी आयोजित करवाता था। इस जानकारी के बाद सैन्य अधिकारियों ने जयप्रकाश से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति की निगरानी शुरू कर दी है।

गौरतलब है कि आर्मी वॉर कॉलेज (महू) में पदस्थ सफाईकर्मी 24 वर्षीय जयप्रकाश झा की कार मंगलवार को दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इसमें न केवल जयप्रकाश बल्कि उसके बेटे और माता-पिता के साथ ही दो साथियों की जान चली गई थी। पत्नी और साली की हालत गंभीर बनी हुई है। सड़क हादसे के बाद पुलिस को पड़ताल के दौरान दुर्घटनाग्रस्त कार में लेफ्टिनेंट की नेम प्लेट भी मिली थी। झा को लेफ्टिनेंट समझ जांच कर रही पुलिस उस वक्त हैरान गई जब महू स्थिति सैन्य छावनी के अफसरों ने यह बताया कि वह लेफ्टिनेंट नहीं, बल्कि सफाईकर्मी था। अफसरों ने उसके पास मिले कार्ड को फर्जी बताया और संदेह जताया कि झा फर्जीवाड़े में लिप्त था। अफसरों ने कार में मिले सामान की छानबीन की तो दो स्टार लगी वर्दी मिली।

वेबसाइट बनाने की मिली जानकारी

इंदौर की तेजाजीनगर थाना पुलिस के अनुसार जयप्रकाश की कार से मिले लैपटॉप में चार जीबी डेटा मिला था। बुधवार रात तकनीकी जांच के लिए लैपटॉप क्राइम ब्रांच को सौंपा गया। उसमें अधिकारियों को एक फ्लेक्स (होर्डिग) का फोटो मिला। इस पर ज्वाइंट रिक्रूटमेंट ग्रुप (जेआरजे) लिखा हुआ था। उसमें एक वेबसाइट बनाए जाने की जानकारी भी मिली। सेना के अधिकारियों ने वेबसाइट खोली तो उसमें सेना का लोगो, फोटो और रक्षा मंत्रालय से जुड़ी जानकारी मिली।

फर्जी परीक्षाएं भी आयोजित करवाता था

जांच में शामिल एक कर्नल के अनुसार प्रारंभिक पड़ताल में यह स्पष्ट हो चुका है कि जयप्रकाश सेना में भर्ती के नाम पर बेरोजगारों को ठग रहा था। कुछ लोग वेबसाइट के जरिये आवेदन करते थे। उसके लैपटॉप में सेना भर्ती संबंधित दस्तावेज और सवाल-जबाव भी मिले हैं। ऑनलाइन आवेदन करने वालों की वह फर्जी परीक्षा भी आयोजित करवाता था। बाद में उन्हें वह प्रशिक्षण भी देता था।

फर्जीवाड़े में अन्य लोग भी हो सकते हैं शामिल

हालांकि, अभी तक की जांच में उसके द्वारा एलडीसी, माली, कारपेंटर, सफाईकर्मी, पेंटर और इलेक्टि्रशियन आदि पदों के लिए आवेदन लेने की ही जानकारी मिली है। पुलिस को शक है कि फर्जीवाड़े में अन्य लोग भी शामिल हैं। पुलिस के अनुसार जयप्रकाश के बैंक खातों की जानकारी मांगी गई है। कॉल डिटेल के आधार पर यह पता लगाया जा रहा है कि वह किसका कॉल था, जिससे बात होने पर जयप्रकाश बिहार की अपनी यात्रा रद कर 200 किमी से वापस महू के लिए लौटने लगा। हालांकि, महू पहुंचने से पहले ही हादसे में उसकी मौत हो गई।

जेआरजे ग्रुप के लिए सेना भी कर चुकी है अलर्ट

ज्वाइंट रिक्रूटमेंट ग्रुप (जेआरजे) की जानकारी मिलने पर सेना भी अलर्ट जारी कर चुकी है। सेना ने कहा कि यह भ्रामक विज्ञापन और संस्था है। लोग बहकावे में न आएं और इस पर कोई आवेदन नहीं करें। साथ में सेना ने एक लिंक देकर बताया है कि भारतीय सेना और रक्षा मंत्रालय से संबंधित आधिकारिक भर्ती के लिए इसी लिंक का उपयोग करें।

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