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Sikkim Flood: तीस्ता नदी में आई बाढ़ को जयराम रमेश ने बताया दुखद, बोले- सीख लेने की आवश्यकता

उत्तरी सिक्किम की साउथ ल्होनक झील में मंगलवार देर रात बादल फटने से तिस्ता नदी में भयानक उफान आया। 15 से 20 फीट ऊंची लहर चली और किनारे तबाही मचाती रही। सिक्कम के तीन जिलों मंगन गंगटोक और पाक्योंग में तिस्ता के किनारे सड़कें और पुल बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए। इसमें सेना के कई जवान भी लापता हो गए जिनकी तलाश जारी है।

By Jagran NewsEdited By: Shubham SharmaUpdated: Thu, 05 Oct 2023 02:38 AM (IST)
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वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश का सिक्किम बाढ़ पर बयान। (फाइल फोटो)

एजेंसी, नई दिल्ली: वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि सिक्किम में तीस्ता नदी में अचानक आई बाढ़ ने तबाही मचा दी। इससे हमें बुहत कुछ सीखने की आवश्यकता है।

पीटीआई के खबर के अनुसार, प्राकृतिक रूप से बेहद संवेदनशील ऐसे क्षेत्रों में जलविद्युत परियोजनाओं को अमलीजामा पहनाते समय किस तरह से स्थानीय पारिस्थितिकी का ध्यान रखना चाहिए, इसे हमें जानना होगा। पूर्व केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने कहा कि अचानक आई बाढ़ से हुई तबाही काफी दुखद है। उन्होंने एक्स(ट्वीटर) पर पोस्ट कर कहा, देश इस त्रासदी से दुखी है। कभी-कभी ऐसी स्थिति से बचने के लिए कठोर निर्णय लेने की आवश्यकता होती है। लेकिन, हम कभी सीखते नहीं दिखते।

बादल फटने से तिस्ता नदी में उफान

बता दें कि उत्तरी सिक्किम की साउथ ल्होनक झील में मंगलवार देर रात बादल फटने से तिस्ता नदी में भयानक उफान आया। 15 से 20 फीट ऊंची लहर चली और किनारे तबाही मचाती रही। सिक्कम के तीन जिलों मंगन, गंगटोक और पाक्योंग में तिस्ता के किनारे सड़कें और पुल बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए। इसमें सेना के 81 जवान भी लापता हो गए, जिनकी तलाश जारी है।

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