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जयशंकर की सैनिकों के वापसी मुद्दे पर मालदीव के विदेश मंत्री से हुई चर्चा, युगांडा में आज से होगी गुटनिरपेक्ष देशों की बैठक

भारत और मालदीव के संबंधों में भारतीय सैनिकों की वापसी का मुद्दा सबसे अहम है। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत को 15 मार्च तक अपने सैनिकों को वापस बुलाने की समय सीमा तय की है। जयशंकर ने एक पोस्ट में कहा कि मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर से भारत-मालदीव संबंधों पर एक स्पष्ट बातचीत हुई। साथ ही गुट निरपेक्ष देशों से जुड़े मुद्दे पर भी चर्चा की।

By Jagran News Edited By: Amit Singh Updated: Fri, 19 Jan 2024 05:00 AM (IST)
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युगांडा के कंपाला में आज से होगी गुटनिरपेक्ष देशों की बैठक
पीटीआई, नई दिल्ली। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने युगांडा की राजधानी कंपाला में मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच भारत-मालदीव संबंधों पर स्पष्ट बातचीत भी हुई। जयशंकर ने इंटरनेट मीडिया एक्स पर पोस्ट कर इस मुलाकात की जानकारी दी है।

माना जा रहा है कि इस दौरान भारतीय सैनिकों के मालदीव से वापसी पर भी चर्चा हुई है। वर्तमान में भारत और मालदीव के संबंधों में भारतीय सैनिकों की वापसी का मुद्दा सबसे अहम है। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत को 15 मार्च तक अपने सैनिकों को वापस बुलाने की समय सीमा तय की है। जयशंकर ने एक पोस्ट में कहा कि मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर से भारत-मालदीव संबंधों पर एक स्पष्ट बातचीत हुई। साथ ही गुट निरपेक्ष देशों से जुड़े मुद्दे पर भी चर्चा की।

विदेश मंत्री एस जयशंकर शुक्रवार से कंपाला में होने वाले गुट निरपेक्ष आंदोलन (एनएएम) के दो-दिवसीय शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। विदेश मंत्रालय ने जयशंकर की युगांडा और नाइजीरिया की यात्रा की घोषणा करते हुए कहा कि भारत इस समूह के अग्रणी और संस्थापक सदस्यों में से एक के रूप में गुट निरपेक्ष आंदोलन के सिद्धांतों और मूल्यों के लिए प्रतिबद्ध है।

मंत्रालय ने कहा कि युगांडा के नेतृत्व में यह सम्मेलन 120 से अधिक विकासशील देशों को महत्वपूर्ण ऐतिहासिक महत्व वाले मंच पर एक साथ लाता है। विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन 21 और 22 जनवरी को कंपाला में होने वाले जी-77 तीसरे दक्षिण शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।