रक्षा संबंध मजबूत बनाएंगे भारत और थाईलैंड, म्यांमार की स्थिति से लेकर इन मुद्दों पर की गई चर्चा
भारत-थाईलैंड संयुक्त आयोग ( India -Thailand Joint Commission ) की 10वीं बैठक में रक्षा क्षेत्र में रिश्तों को नया मुकाम देने की सहमति बन रही है। बैठक की अध्यक्षता विदेश मंत्री एस जयशंकर और थाईलैंड के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री पार्नप्री बहीद्धा - नुकारा ने की है। म्यांमार की आंतरिक स्थिति काफी अस्थिर है और इसकी सीमा से सटे दोनों देशों भारत व थाइलैंड की चिंताएं एक जैसी हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत और थाईलैंड के बीच रक्षा क्षेत्र में सहयोग के बड़े एजेंडे पर काम हो रहा है। दोनो देशों के बीच वैसे तो वर्ष 2014 के बाद से सैन्य सहयोग का लगातार विस्तार हो रहा है लेकिन अब रक्षा क्षेत्र में रिश्तों को नया मुकाम देने की सहमति बन रही है। मंगलवार को भारत-थाईलैंड संयुक्त आयोग की 10वीं बैठक में इस बारे में कुछ महत्वपूर्ण सहमति बनी है।
बैठक की अध्यक्षता विदेश मंत्री एस जयशंकर और थाईलैंड के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री पार्नप्री बहीद्धा-नुकारा ने की है। बैठक में म्यांमार की स्थिति पर भी चर्चा हुई है। म्यांमार की आंतरिक स्थिति काफी अस्थिर है और इसकी सीमा से सटे दोनों देशों भारत व थाइलैंड की चिंताएं एक जैसी हैं।
दोनों देशों के बीच लगातार हो रहे उच्चस्तरीय दौरे
थाईलैंड के विदेश मंत्री की अगुवाई में एक उच्चस्तरीय टीम भारत के दौरे पर है। दोनों देशों के बीच लगातार उच्चस्तरीय दौरे हो रहे हैं। जुलाई, 2023 में विदेश मंत्री जयशंकर भी थाइलैंड की यात्रा पर गये थे। संयुक्त आयोग की बैठक के बारे में जयशंकर ने बताया है कि, 'यह बहुत ही व्यापक रही है। रणनीति, रक्षा, सुरक्षा, कारोबार व निवेश, कनेक्टिविटी समेत नई प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सहयोग पर विमर्श हुआ है। भारत-आसियान और बहुराष्ट्रीय संगठनों में सहयोग पर भी चर्चा हुई है। भारत और थाइलैंड के बीच पारंपरिक चिकित्सा पद्दति में सहयोग को लेकर एक समझौता भी हुआ है।'जानकारों ने बताया कि पर्यटन सहयोग का मुद्दा दोनों देशों के बीच पहले से ही महत्वपूर्ण रहा है लेकिन अब दोनो देश रक्षा व सुरक्षा को भावी सहयोग के प्रमुख स्तंभ के तौर पर देख रहे हैं। पिछले वर्ष इनके रक्षा मंत्रालयों के अधिकारियों के बीच एक रक्षा संवाद भी हुआ था।यह भी पढ़ें: अनंत अंबानी के देखरेख में चल रहा ‘Vantara’, देश-दुनिया के बीमार-घायल वन्यजीवों को मिला नया जीवन