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'चंद्रयान 3 की सफलता के बाद हर कोई कह रहा था, भारत ने कर दिखाया', ब्रिक्स समिट के पलों को याद कर बोले जयशंकर

दिल्ली विश्वविद्यालय के एक सम्मेलन में ब्रिक्स सम्मेलन का अनुभव साझा करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि उस दौरान हम शारीरिक रूप से बैठक में मौजूद थे लेकिन मानसिक रूप से बेंगलुरु में थे। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 मिशन से भारत ने पूरे दुनिया को प्रेरित किया है। उन्होंने कहा कि इंटरनेशनल सोलर अलायंस के माध्यम से सौर ऊर्जा को लेकर पूरी दुनिया की सोच बदली है।

By AgencyEdited By: Shalini KumariUpdated: Thu, 31 Aug 2023 01:16 PM (IST)
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चंद्रयान 3 मिशन के जरिए भारत ने दुनिया को किया प्रेरित
नई दिल्ली, एजेंसी। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान चंद्रयान 3 की लैंडिंग के दौरान जोहान्सबर्ग में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में अपने अनुभव को याद करते हुए कहा कि भारत ने पूरी दुनिया को प्रेरित किया है।

चंद्रयान 3 मिशन ने बढ़ाई भारत की शान

दरअसल, जिस दिन दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स सम्मेलन का आयोजन किया गया था, उसी दिन चंद्रयान 3 को चांद के सतह पर लैंड होना था। इस पर बात करते हुए विदेश मंत्री ने कहा, "ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में, हम शारीरिक रूप से वहां मौजूद तो थे, लेकिन मानसिक रूप से हम बेंगलुरु में थे। पूरे समय पीएम और हमारे मन में केवल चंद्रयान का ही ख्याल आ रहा था।"

उन्होंने कहा, "उस शाम चर्चा का एक ही विषय था, जो चंद्रयान की लैंडिंग था। वह दिन मेरे लिए सबसे भरा रहा था, क्योंकि सभी नेताओं की यह भावना थी कि भारत ने यह कर दिखाया है।"

खानपान की आदतें बदलेगा

इस सम्मेलन में एस जयशंकर ने कहा, "हमने इंटरनेशनल सोलर अलायंस के माध्यम से सौर ऊर्जा को लेकर पूरी दुनिया की सोच बदल दी है। आज हम इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स के माध्यम से दुनिया की खानपान की आदतों को बदलने की भी कोशिश कर रहे हैं। हमने आपदा प्रतिक्रिया के गठबंधन के माध्यम से आपदाओं से निपटने का एक सामूहिक तरीका बनाया है।"

उन्होंने कहा, "भारत एक जगह है, एक देश है, जिसे आज जिम्मेदार के रूप में देखा और पहचाना जाता है, जिसे नई सोच रखने वाले की तरह देखा जाता है। खासतौर पर भारत को वैश्विक प्रगति को आगे बढ़ाने वाले के रूप में देखा जाता है।"

G20 ने बदली हमारी पहचान

विदेश मंत्री ने कहा, "आज सभी लोग 2023 को भारत के लिए एक बड़े वर्ष के रूप में देखते हैं। एक ऐसा वर्ष, जब हमारी G20 की अध्यक्षता ने दुनिया में हमारी पहचान को ही पूरी तरह से बदल दिया और एक अलग स्थान पर खड़ा किया है।

'पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के अलग नहीं रखा जा सकता'

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, "संयुक्त राष्ट्र का गठन 1940 के दशक में हुआ था। तब संयुक्त राष्ट्र के 50 सदस्य देश थे और अब इसमें 200 से अधिक शामिल हैं। जनसंख्या के हिसाब से दुनिया के सबसे बड़े देश और पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को इससे अलग नहीं रखा जा सकता और अगर इसे बाहर रखा गया तो संयुक्त राष्ट्र की विश्वसनीयता पर सवाल उठेंगे।"

वैश्विक महामारी के दौरान हासिल की सफलता

दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज के एक कार्यक्रम में बोलते हुए, जयशंकर ने महामारी के दौरान भारत की सफलता की जानकारी भी साझा की और कहा कि भारत ने कई देशों को टीके उपलब्ध कराकर उनकी मदद की।

रूस-यूक्रेन युद्ध पैदा कर रहा वैश्विक मुद्रास्फीति

विदेश मंत्री ने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर कहा, "यूक्रेन-रूस संघर्ष आज ईंधन की लागत, खाद्यान्न की उपलब्धता और कीमतों, उर्वरकों की पहुंच और कीमत में समस्याएं पैदा कर रहा है। यह वैश्विक अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति की स्थिति बना रहा है।"

उत्सव के तौर पर आयोजित हुआ G20

इस साल भारत द्वारा G20 समिट की मेजबानी कर रहा है। इस पर बोलते हुए, एस जयशंकर ने कहा कि भारत की अध्यक्षता अलग है। उन्होंने कहा, "हमने G20 को आधिकारिक कार्यक्रम के तौर पर नहीं बल्कि, राष्ट्रीय उत्सव के तौर पर आयोजित किया है।

वसुधैव कुटुंबकम पर आधारित G20

गौरतलब है कि भारत के पास 1 दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक G20 की अध्यक्षता करने का अवसर है। भारत की G20 अध्यक्षता का विषय "वसुधैव कुटुंबकम" या "एक पृथ्वी · एक परिवार · एक भविष्य" है।

इन देशों का समूह है G20

इस समूह में 19 देश शामिल हैं, जिनमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ है।