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Jal Jeevan Mission: सात महीनों में 84 लाख घरों को मिला साफ पानी, 15 करोड़ नल कनेक्शन का लक्ष्य

Jal Jeevan Mission 2019-20 के सात महीने के दौरान करीब 84.83 लाख ग्रामीण घरों में नल कनेक्शन दिए गए।

By Manish PandeyEdited By: Updated: Fri, 17 Jul 2020 11:20 AM (IST)
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Jal Jeevan Mission: सात महीनों में 84 लाख घरों को मिला साफ पानी, 15 करोड़ नल कनेक्शन का लक्ष्य
नई दिल्ली, एएनआइ। कोविड-19 महामारी के दौरान अनलॉक-1 के बाद जल जीवन मिशन के तहत 45 लाख घरों में नल के कनेक्शन लगाए गए। केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के बीच 1 जून को अनलॉक-1 की घोषणा की थी। जल जीवन मिशन अगस्त 2019 में लांच किया गया था। मोदी सरकार के महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन का लक्ष्य 2024 तक देश के प्रत्येक ग्रामीण घर में व्यक्तिगत घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराना है।

 जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार 2019-20 के सात महीने के दौरान करीब 84.83 लाख ग्रामीण घरों में नल कनेक्शन दिए गए है। रोजाना करीब एक लाख घरों को नल कनेक्शन मुहैया कराए जा रहे हैं। मंत्रालय ने कहा है, 'मिशन के अस्तित्व में आने के बाद राज्यों से बेसलाइन डाटा के फिर से वैध करने का काम शुरू करने का आग्रह किया गया जिसके अनुसार देश में 19.04 करोड़ ग्रामीण घर हैं। इनमें से 3.23 करोड़ घरों को नल कनेक्शन पहले से ही उपलब्ध है। शेष 15.81 करोड़ घरों को नल कनेक्शन मुहैया कराया जाना है।'

पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कनेक्शन को घर के मुखिया के आधार कार्ड से जोड़ा जा रहा है। जापानी इंसेफेलाइटिस/एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (जेई-एईएस) से प्रभावित जिलों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जहां शिशु मृत्यु दर ज्यादा है। बयान में कहा गया है कि पांच राज्यों असम, बिहार, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के 61 जिलों में 3.01 करोड़ घर हैं। जल जीवन मिशन गरीब कल्याण रोजगार अभियान (जीकेआरए) का भी हिस्सा है, जिसमें सार्वजनिक बुनियादी ढांचा बनाकर प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने का प्रयास किया जा रहा है। इसके तहत छह राज्यों में लगभग 25 हजार गांवों में काम करने की योजना है।

बता दें कि 2020-21 में जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन के लिए 23,500 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। वर्तमान में मिशन के कार्यान्वयन के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 8,000 करोड़ रुपये से अधिक धन उपलब्ध है। इसके अलावा, 2020-21 में ग्रामीण स्थानीय निकायों को 15वें वित्त आयोग का 50 प्रतिशत अनुदान, यानी 30,375 करोड़ रुपये जलापूर्ति और स्वच्छता के लिए रखा गया है। इस राशि का पचास प्रतिशत 15 जुलाई को राज्यों को जारी किया गया था। इससे गांवों में पेयजल आपूर्ति प्रणालियों की बेहतर योजना, कार्यान्वयन, प्रबंधन, संचालन और रखरखाव में मदद मिलेगी ताकि लोगों को नियमित और दीर्घकालिक रूप से पीने योग्य पानी मिलता रहे।