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Jal Jeevan Mission Scheme: अब ग्रामीण भी कर सकेंगे खराब पानी की शिकायत, यह होगी पूरी प्रक्रिया

केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन में लोगों को यह मौका दिया है कि वे अपने गांव अथवा घर में आने वाले पानी की खराब गुणवत्ता की शिकायत सीधे राज्य और केंद्र सरकार को कर सकते हैं।मिशन के डैशबोर्ड पर सिटिजन कार्नर के रूप में यह सुविधा सभी को मिलने की शुरुआत हो गई है। पहली जिम्मेदारी संबंधित निकाय अथवा जिले के जलापूर्ति विभाग की होगी।

By Jagran News Edited By: Nidhi Avinash Updated: Tue, 20 Feb 2024 07:37 PM (IST)
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अब ग्रामीण भी कर सकेंगे खराब पानी की शिकायत (Image: Representative)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पानी के प्रबंधन को लेकर पारदर्शिता और जवाबदेही की यह नई पहल है। जल जीवन मिशन केवल गांवों में घरों तक पानी पहुंचाने की योजना भर नहीं रहेगा, बल्कि यह जल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने का जरिया भी बनेगा।

केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने इस मिशन के क्रियान्वयन में लोगों को यह मौका दिया है कि वे अपने गांव अथवा घर में आने वाले पानी की खराब गुणवत्ता की शिकायत सीधे राज्य और केंद्र सरकार को कर सकते हैं।

ऐसे करें शिकायत

मिशन के डैशबोर्ड पर सिटिजन कार्नर के रूप में यह सुविधा सभी को मिलने की शुरुआत हो गई है। इसका मतलब है कि अगर आपको लगता है कि आपके घर में आ रहे पेयजल की गुणवत्ता सही नहीं है तो आप इस कार्नर पर अपने विवरण के साथ शिकायत अपलोड कर सकते हैं। पहली जिम्मेदारी संबंधित निकाय अथवा जिले के जलापूर्ति विभाग की होगी कि वे एक समयसीमा के भीतर इसे दुरुस्त करें।

सरकारें करेगी निगरानी

इसके बाद राज्य सरकारें इसकी निगरानी कर सकेंगी। लोग टोल फ्री नंबर पर भी अपनी शिकायत अथवा चिंता से अधिकारियों को अवगत करा सकते हैं। यह टूल सबसे करीब की जल परीक्षण प्रयोगशाला की जानकारी भी देगा, जहां अपने पानी की जांच कराई जा सकती है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र ¨सह शेखावत ने इस सुविधा की शुरुआत की है। मंत्रालय के अधिकारी के अनुसार जल जीवन मिशन की सफलता के साथ पानी को लेकर डिजिटल गर्वनेंस की दिशा में अहम कदम है। यह मिशन हर घर तक पाइप के जरिये पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ-साथ जल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने पर भी आधारित है।

इस टूल के साथ मिलेगी जानकारियां

इस टूल के साथ आगे जलापूर्ति संबंधी अन्य जानकारियां भी ऑनलाइन दी जा सकती हैं। इसके जरिये मंत्रालय पानी की क्वालिटी को लेकर राष्ट्रीय डाटा भी एकत्र करना चाहता है ताकि उपचार की नई नीति बनाई जा सके। इसके साथ यह ही पानी की सप्लाई करने वाले विभागों की जवाबदेही भी तय करेगा कि उन्हें सिर्फ शिकायतों से अवगत ही नहीं, बल्कि उनके समाधान के लिए आगे बढ़ना होगा।

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