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Jal Jeevan Mission: तीन करोड़ नए कनेक्शन के साथ इस साल पूरा हो जाएगा जल जीवन मिशन, अब तक 55 हजार करोड़ खर्च

प्रति सेकेंड एक कनेक्शन की मौजूदा रफ्तार के साथ इस साल दिसंबर तक जल जीवन मिशन लगभग पूरा होने के आसार हैं। पूरी ग्रामीण आबादी को टैप से पीने योग्य जल उपलब्ध कराने की केंद्र सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना आगामी अंतरिम बजट में भी सरकार की प्राथमिकता में बनी रहेगी। मौजूदा समय तक गोवा हिमाचल प्रदेश समेत दस राज्यों ने शत-प्रतिशत कवरेज की सूचना केंद्र सरकार को दी है।

By Jagran News Edited By: Anurag GuptaUpdated: Wed, 17 Jan 2024 08:27 PM (IST)
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दिसंबर तक जल जीवन मिशन के पूरा होने के आसार (फाइल फोटो)
मनीष तिवारी, नई दिल्ली। प्रति सेकेंड एक कनेक्शन की मौजूदा रफ्तार के साथ इस साल दिसंबर तक जल जीवन मिशन लगभग पूरा होने के आसार हैं। पूरी ग्रामीण आबादी को टैप से पीने योग्य जल उपलब्ध कराने की केंद्र सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना आगामी अंतरिम बजट में भी सरकार की प्राथमिकता में बनी रहेगी।

जलशक्ति मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, इस साल दिसंबर तक तीन करोड़ नए कनेक्शन दिए जा सकते हैं। इसलिए पूरे आसार हैं कि इस योजना को पिछले तीन सालों की तरह इस बार भी बजट में पूरा महत्व मिलेगा। केंद्र सरकार का जल जीवन मिशन अब तक 17 करोड़ ग्रामीण घरों को टैप के जरिये पेयजल के कनेक्शन उपलब्ध करा चुका है।

योजना के क्रियान्वयन में UP सबसे आगे

बकौल अधिकारी, पिछले दिनों इस योजना ने ग्रामीण कवरेज के लिहाज से 73 प्रतिशत का आंकड़ा पार कर लिया। 2023 इस योजना के लिए निर्णायक वर्ष रहा है, जब उत्तर प्रदेश सरीखे कुछ राज्यों की ओर से दिखाई गई अभूतपूर्व तेजी ने इस मिशन को अंजाम तक पहुंचाने का रास्ता तैयार किया। उत्तर प्रदेश इस योजना के क्रियान्वयन में सबसे आगे हैं, जहां प्रति सेकेंड दो कनेक्शन तक उपलब्ध कराए गए। इस मिशन की एक खास बात यह है कि केंद्र सरकार ने एक डैश बोर्ड के जरिये इसके क्रियान्वयन पर लगातार निगाह रखी।

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कब शुरू हुआ था जल जीवन मिशन?

अधिकारी के अनुसार, कोविड और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण पाइपों की लागत बढ़ने जैसे कारणों से मिशन को आगे बढ़ाने में दिक्कतें आई हैं, लेकिन यह इस साल दिसंबर तक लगभग पूरा होने के आसार हैं, जैसा कि मिशन की शुरुआत के समय लक्ष्य निर्धारित किया गया था। केंद्र सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में 19 करोड़ से कुछ अधिक घरों की गणना की है। 15 अगस्त, 2019 को इस मिशन की जब शुरुआत की गई थी तब केवल तीन करोड़ घरों में ही पाइप के जरिये पेयजल की आपूर्ति की सुविधा थी। जल जीवन मिशन ने अब तक लगभग 14 करोड़ से अधिक घरों में टैप के जरिये पानी पहुंचाने में सफलता हासिल की है।

मंत्रालय को उम्मीद है कि अगले साल कुछ लाख ही घर बचे होंगे। इस मिशन के लिए केंद्र सरकार ने पिछले बजट में 70 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था की थी, जिसमें जनवरी मध्य तक लगभग 55 हजार करोड़ रुपये राज्यों को उपलब्ध कराए जा चुके हैं। राज्यों ने भी इतना ही योगदान किया है। 2022-23 में भी केंद्र और राज्यों के व्यय की लगभग ऐसी ही स्थिति थी।

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हिमाचल सहित इन राज्यों में शत-प्रतिशत कवरेज

मौजूदा समय तक गोवा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, गुजरात और हरियाणा समेत दस राज्यों ने शत-प्रतिशत कवरेज की सूचना केंद्र सरकार को दे दी है, जबकि राजस्थान, झारखंड और बंगाल उन राज्यों में शामिल हैं जहां कवरेज पचास प्रतिशत भी नहीं पहुंच सका है। जलशक्ति मंत्रालय ने जल जीवन मिशन में पिछड़ रहे राज्यों से क्रियान्वयन की रफ्तार तेज करने के लिए कहा है। अगर छत्तीसगढ़ और राजस्थान सत्ता परिवर्तन के बाद अपने यहां इस मिशन की रफ्तार बढ़ाते हैं तो लक्ष्य हासिल करना और सरल होगा। तेलंगाना का मामला अलग है जहां सौ प्रतिशत गांवों को कवर तो कर लिया गया है, लेकिन मिशन के नियमों के अनुसार, इन्हें ग्राम पंचायतों के माध्यम से सर्टिफाई नहीं किया है।