जम्मू-कश्मीर में 72 साल बाद विलय दिवस पर अवकाश का एलान, शेख अब्दुल्ला जंयती की छुट्टी रद
शहीदी दिवस का अवकाश शामिल नहीं है। यह अवकाश 13 जुलाई 1931 को कश्मीर में महाराजा के खिलाफ हुए एक विद्रोह में मारे गए लोगों की याद में मनाया जाता था।
By Bhupendra SinghEdited By: Updated: Fri, 27 Dec 2019 11:37 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, जम्मू। नए जम्मू-कश्मीर में प्रदेश प्रशासन ने शुक्रवार को वर्ष 2020 के लिए सरकारी छुट्टियों का कैलेंडर जारी करते हुए शहीदी दिवस (13 जुलाई) और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला के पिता स्व. शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की जयंती (05 दिसंबर) पर होने वाले अवकाश को रद कर दिया है। वहीं, प्रशासन ने 26 अक्टूबर को मनाए जाने वाले विलय दिवस पर राजकीय अवकाश रखा है।
महाराजा हरि सिंह की जयंती पर छुट्टी की मांग नहीं हुई पूरीविलय पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले महाराजा हरि सिंह की जयंती पर छुट्टी का एलान नहीं किया है। एक दिन पहले लद्दाख ने भी अपना कैलेंडर जारी करते हुए शहीदी दिवस और शेख अब्दुल्ला की जयंती पर अवकाश रद कर दिया है।
72 साल बाद विलय दिवस पर अवकाश का एलानजम्मू-कश्मीर में सरकारी कार्यालयों और शैक्षिक संस्थानों के लिए वर्ष 2020 की घोषित 27 छुट्टियों में इस बार सिर्फ विलय दिवस का अवकाश ही नया है। जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय के लगभग 72 साल बाद विलय दिवस पर अवकाश का एलान हुआ है। भारतीय जनता पार्टी, पैंथर्स पार्टी समेत कई राजनीतिक दल और सामाजिक संगठन बरसों से विलय दिवस पर अवकाश की मांग कर रहे थे।
क्यों मनाया जाता है शहीद दिवसशुक्रवार को जारी कैलेंडर में शहीदी दिवस का अवकाश शामिल नहीं है। यह अवकाश 13 जुलाई 1931 को कश्मीर में महाराजा के खिलाफ हुए एक विद्रोह में मारे गए लोगों की याद में मनाया जाता था। 13 जुलाई को हर साल जम्मू-कश्मीर में सरकारी स्तर पर शहीदी दिवस मनाया जाता था।