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हिंद-प्रशांत क्षेत्र में जापान के लिए भारत अनिवार्य साझेदार, विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी ने दिया बयान

जापान के विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी ने कहा है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र को खुला और सभी के लिए समान अवसर वाला बनाने के प्रयास में भारत उनके देश का एक अनिवार्य साझेदार है। हयाशी ने कहा भारत और जापान मुक्त एवं खुले हिंद-प्रशांत (एफओआइपी) की विचारधारा पर काम कर रहे हैं। योशीमासा शुक्रवार को भारत-जापान फोरम में बोल रहे थे।

By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaUpdated: Fri, 28 Jul 2023 10:51 PM (IST)
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हिंद-प्रशांत क्षेत्र में जापान के लिए भारत अनिवार्य साझेदारः योशिमासा हयाशी। फोटोः एएनआई।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मार्च, 2023 में भारत यात्रा के दौरान जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने अपने देश की हिंद-प्रशांत क्षेत्र की रणनीति जारी की थी। उनके इस कदम को कई विशेषज्ञों ने चीन के बढ़ते आक्रामक रवैये के विरुद्ध भारत व जापान के भावी सहयोग के तौर पर देखा था।

हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर क्या बोले योशिमासा हयाशी?

अब भारत यात्रा पर आए जापान के विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी ने कहा है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र को खुला और सभी के लिए समान अवसर वाला बनाने के प्रयास में भारत उनके देश का एक अनिवार्य साझीदार है। योशीमासा शुक्रवार को भारत-जापान फोरम में बोल रहे थे, जिसका आयोजन विदेश मंत्रालय और अनंत सेंटर की तरफ से किया गया था।

मुक्त एवं खुले हिंद-प्रशांत की विचारधारा पर काम कर रहे दोनों देश

हयाशी जब यह भाषण दे रहे थे, तब वहां विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी मौजूद थे। दोनों विदेश मंत्रियों की अगुआई में गुरुवार को भारत-जापान की 15वीं रणनीतिक वार्ता संपन्न हुई है।

हयाशी ने कहा

भारत और जापान मुक्त एवं खुले हिंद-प्रशांत (एफओआइपी) की विचारधारा पर काम कर रहे हैं। इस वर्ष मार्च माह में प्रधानमंत्री किशिदा ने नई दिल्ली में एफओआइपी पर जापान की नीति की घोषणा की थी। यह बताता है कि भारत की हमारे लिए क्या अहमियत है। भारत इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए जापान का अनिवार्य साझेदार है। यही नहीं, पूरे हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर जापान की नीति सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे दक्षिण एशिया पर लागू होती है। दक्षिण एशिया हमारी नीति का अभिन्न हिस्सा है।

श्रीलंका और मालदीव की भी यात्रा करेंगे हयाशी

भारत यात्रा के बाद हयाशी श्रीलंका और मालदीव भी जा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि जापान चाहता है कि भारत का पूर्वोत्तर हिस्सा इस क्षेत्र के दूसरे देशों के साथ तेजी से जुड़े। सनद रहे कि जापान ने इस उद्देश्य से पूर्वोत्तर राज्यों में निवेश करने का फैसला किया है। साथ ही भारत के साथ मिलकर बांग्लादेश और श्रीलंका में ढांचागत परियोजनाओं के विकास पर काम शुरू किया है।

भारत को आधुनिक बनाने में जापान का अहम योगदानः जयशंकर

जयशंकर ने कहा कि भारत को आधुनिक बनाने में जापान का अहम योगदान है। भारत में राजनीतिक स्तर पर इस बात पर सहमति है। प्रधानमंत्री मोदी भी भारत को आधुनिक बनाने का काम कर रहे हैं और जापान इसमें प्राकृतिक तौर पर साझीदार है।

जापान ने भारत में कई तरह की क्रांति की भी शुरुआत की है। जैसे जापान की कंपनी ने भारत में कार संस्कृति (मारुति) की शुरुआत की। हाई स्पीड ट्रेन को भी इसी श्रेणी में रखते हुए उन्होंने कहा कि जापान की वजह से भारत के मैन्यूफैक्च¨रग सेक्टर में कई बदलाव हुए हैं।

भारत के निवेश माहौल से शिकायत

योशीमासा ने भारत में जापान की तरफ से होने वाले निवेश का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने शिकायत रखी कि जापान की कंपनियों को भारतीय बाजार में कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। दरअसल, योशीमासा की शुक्रवार को भारत में काम करने वाली जापानी कंपनियों के साथ अलग से बैठक हुई, जिसमें भारत के निवेश माहौल को लेकर विमर्श हुआ।

जापान के विदेश मंत्रालय की उप प्रेस सचिव यूकिको ओकाना ने बाद में प्रेस वार्ता में बताया कि जापान की कंपनियों को भारत सरकार की अस्थिर नीतियों पर आपत्ति है। उनका कहना है कि इस बारे में सरकार के स्तर पर बात होनी चाहिए ताकि भारत की कर व दूसरी नीतियां स्थिर हों।