CAA लागू करने की टाइमिंग पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, जयराम रमेश बोले- चुनाव से एक महीने पहले का क्यों चुना समय
CAA के लागू होने के बाद से सियासी बवाल शुरू हो गया। विपक्षी लगातार इसको लेकर हमला बोल रहे है। कांग्रेस ( Congress Jairam Ramesh ) ने सीएए के लागू करने के समय पर सवाल उठाया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि भाजपा को सीएए नियम लाने में 4 साल और 3 महीने लग गए। यह एक हेडलाइन मैनेजमेंट है। उन्होंने इसे सामाजिक ध्रुवीकरण की रणनीति बताई है।
एएनआई, नई दिल्ली। CAA: चार साल बाद केंद्र सरकार ने सोमवार शाम को नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के लिए एक अधिसूचना जारी की। यह 2024 के लोकसभा चुनाव के कुछ हफ्ते पहले ही लागू की गई है। विपक्षी राजनेताओं के विरोध के बीच दिसंबर 2019 में संसद द्वारा सीएए को पहले ही मंजूरी दे दी गई थी।
सरकार द्वारा जारी की गई अधिसूचना के अनुसार, 31 दिसंबर 2014 से पहले धार्मिक उत्पीड़न के कारण भारत आए थे उन्हें केंद्र सरकार बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता दे सकती है। हालांकि, CAA के लागू होने के बाद से सियासी बवाल शुरू हो गया। विपक्षी लगातार इसको लेकर हमला बोल रहे है। कांग्रेस ने सीएए के लागू करने के समय पर सवाल उठाया है।
सीएए नियम लाने में 4 साल और 3 महीने लग गए
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि भाजपा को सीएए नियम लाने में 4 साल और 3 महीने लग गए। यह एक हेडलाइन मैनेजमेंट है। उन्होंने इसे सामाजिक ध्रुवीकरण की रणनीति बताई है। समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए जयराम रमेश ने कहा 'इस नियम को लाने में उन्हें 4 साल और 3 महीने लग गए। विधेयक दिसंबर 2019 में पारित किया गया था। 3-6 महीने के अंदर कानून बन जाना चाहिए था।ये सिर्फ ध्रुवीकरण के लिए हैं
कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से नौ एक्सटेंशन मांगे और कल रात नियमों को अधिसूचित करने से पहले 4 साल और 3 महीने का समय लिया। ये सिर्फ ध्रुवीकरण के लिए हैं- बंगाल और असम में चुनावों को प्रभावित करने के लिए। अगर वे इसे ईमानदारी से कर रहे थे तो वे इसे 2020 में क्यों नहीं लाए? वे इसे अब चुनाव से एक महीने पहले ला रहे हैं। यह हेडलाइन मैनेजमेंट है। यह सामाजिक ध्रुवीकरण की रणनीति है।
#WATCH | On the CAA notification, Congress General Secretary in-charge Communications, Jairam Ramesh says, "It took them 4 years and 3 months to bring this rule. The Bill was passed in December 2019. The law should have been formed within 3-6 months. Modi Government sought nine… pic.twitter.com/X9hV6k7xv7
— ANI (@ANI) March 12, 2024
अन्य विपक्षियों ने क्या कहा?
CAA अधिसूचना पर असम कांग्रेस विधायक अब्दुर रशीद मंडल ने कहा कि इस अधिनियम का पहले ही सभी राजनीतिक दलों द्वारा विरोध किया जा चुका है। संसद के अंदर और उसके बाहर। यह पूरी तरह से भेदभावपूर्ण अधिनियम और असंवैधानिक है क्योंकि सरकार धर्म के आधार पर नागरिकता देने की कोशिश कर रही है जो भारतीय संविधान के प्रावधानों के तहत स्वीकार्य नहीं है। इसका पूरे देश के साथ-साथ असम में भी विरोध हुआ है।'वारिस पठान ने कहा- क्रोनोलॉजी समझिए
CAA नोटिफिकेशन पर AIMIM के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान ने कहा कि क्रोनोलॉजी समझिए, समय देखिए। तारीखों का ऐलान होने वाला है, 2024 में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं और सरकार अचानक इसे अधिसूचित करने के बारे में सोचती है। 5 साल तक सरकार क्या कर रही थी? इसे पहले क्यों नहीं लाया गया? इसीलिए हम कहते हैं, सरकार चुनाव से पहले ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रही है। वे विकास के मोर्चे पर विफल रहे हैं। उनके पास सवालों के जवाब नहीं हैं। हमने पहले भी इस पर आपत्ति जताई थी और आज भी कहते हैं कि यह कानून असंवैधानिक है। हमें इस पर आपत्ति है।"यह भी पढ़ें; CAA Notification: अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड समेत पूर्वोत्तर के इन राज्यों में नहीं लागू होगा सीएए, क्या है कारण?यह भी पढ़ें: Lok Sabha Election: केंद्र की सत्ता में जब पहली बार काबिज हुई बीजेपी, सोनिया गांधी की राजनीति में हुई थी एंट्री