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Ram Mandir: 'पूरे देश में 22 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश घोषित करें', जदयू सांसद ने सरकार से की मांग

बीते 22 जनवरी को अयोध्या में राममंदिर का उद्घाटन हुआ था। उस दिन रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर पूरे देश में जश्न का माहौल था। अब इस दिन को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग की गई है। जदयू के एक सांसद ने शनिवार को सरकार से राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह के उपलक्ष्य में 22 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग की।

By Agency Edited By: Devshanker Chovdhary Updated: Sat, 10 Feb 2024 05:31 PM (IST)
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22 जनवरी को अयोध्या में राममंदिर का उद्घाटन हुआ था। (फोटो- एएनआई)
पीटीआई, नई दिल्ली। बीते 22 जनवरी को अयोध्या में राममंदिर का उद्घाटन हुआ था। उस दिन रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर पूरे देश में जश्न का माहौल था। अब इस दिन को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग की गई है। जदयू के एक सांसद ने शनिवार को सरकार से राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह के उपलक्ष्य में 22 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग की।

बता दें कि पिछले महीने 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह संपन्न हुआ था, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी मुख्य अतिथि थे।

22 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश की मांग

लोकसभा में राम मंदिर पर बहस में भाग लेते हुए जदयू सांसद सुनील कुमार पिंटू ने कहा कि 22 जनवरी एक ऐतिहासिक दिन है और इस दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि राम मंदिर की तरह ही मां सीता की जन्मस्थली का उत्थान होगा और वहां भी भव्य मंदिर बनेगा।

मां सीता का मंदिर बनाने की मांग

जदयू सांसद ने कहा कि सीता के बिना राम अधूरे हैं और बिहार में माता सीता के जन्मस्थान पर एक भव्य मंदिर का निर्माण किया जाना चाहिए। वहीं, शिवसेना (उद्धव गुट) के सांसद अरविंद सावंत ने भाजपा सरकार पर हमला किया। अरविंद सावंत ने कहा कि भगवान राम के सिद्धांतों का पालन करने की जरूरत है और किसी को सत्ता पाने के लिए दूसरों की पीठ में चाकू नहीं घोंपना चाहिए।

शिवसेना (उद्धव गुट) ने सरकार पर साधा निशाना

अरविंद सावंत ने कहा कि भगवान राम ने अपने पिता के वचन को पूरा करने के लिए राज्य का त्याग कर दिया था। भगवान राम ने अपने वचन का पालन किया और वे इससे कभी पीछे नहीं हटे। वहीं, एनसीपी सांसद अमोल रामसिंग कोल्हे ने कहा कि भगवान राम का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए। साथ ही राजनीति और धर्म को एक साथ नहीं जोड़ना चाहिए।

इसके अलावा अमोल रामसिंग कोल्हे ने मुंबई के तट के पास अरब सागर में स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज स्मारक को जल्द पूरा करने की मांग की। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने 2016 में इसका शिलान्यास किया था, लेकिन ये काम अधूरा पड़ा है।