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JEE Mains Fraud Case: कोचिंग संस्थान के मालिक और आइटी कंपनी के कर्मचारी की तलाश, पांच हुए गिरफ्तार

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गुवाहाटी चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट कोर्ट ने सभी पांचों गिरफ्तार आरोपितों को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। इसमें आरोपी छात्र नील नक्षत्र दास उसके पिता डॉ. ज्योतिर्मय दास और गुवाहाटी में परीक्षा केंद्र के तीन कर्मचारी शामिल हैं।

By Dhyanendra SinghEdited By: Updated: Sat, 31 Oct 2020 06:34 AM (IST)
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फर्जीवाड़े की जांच के लिए विशेष जांच टीम गठित की गई है।
गुवाहाटी, प्रेट्र। जेईई मेंस फर्जीवाड़ा मामले में असम पुलिस को एक कोचिंग इंस्टीट्यूट के मालिक और एक नामी आइटी कंपनी के कर्मचारी की तलाश है। इस मामले में पुलिस अब तक आरोपित छात्र और उसके डॉक्टर पिता समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। 99.8 फीसद अंक लाकर असम में टॉप करने वाले छात्र ने परीक्षा में अपनी जगह किसी दूसरे शख्स को बैठाया था।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गुवाहाटी चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट कोर्ट ने सभी पांचों गिरफ्तार आरोपितों को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। इसमें आरोपी छात्र नील नक्षत्र दास, उसके पिता डॉ. ज्योतिर्मय दास और गुवाहाटी में परीक्षा केंद्र के तीन कर्मचारी शामिल हैं। इन सभी को बुधवार को गिरफ्तार किया गया था।

गुवाहाटी के एडिशनल डीसीपी (वेस्ट) सुप्रतिव लाल बरूआ ने कहा, 'पुलिस शहर के एक कोचिंग इंस्टीट्यूट के मालिक और एक आइटी कंपनी के कर्मचारी की तलाश कर रही है।' हालांकि, बरूआ ने गोपनीयता के कारण कोचिंग संस्थान और आइटी कंपनी का नाम नहीं बताया।

एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस मामले में और कई संदिग्धों के शामिल होने की आशंका है। पूरे रैकेट को उजागर करने के लिए जांच चल रही है।

विशेष जांच टीम की गई गठित

बरूआ के नेतृत्व में इस फर्जीवाड़े की जांच के लिए विशेष जांच टीम गठित की गई है। यह मामला बुधवार को सामने आया था। इंटरनेट मीडिया पर एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें आरोपित छात्र फोन पर अपने किसी दोस्त के साथ बातचीत में बता रहा है कि उसने अपनी जगह किसी दूसरे व्यक्ति को परीक्षा में बैठाया था।

मित्रदेव शर्मा नामक व्यक्ति ने 23 अक्टूबर को गुवाहाटी के अजारा पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज कराई थी। इसमें कहा गया है कि जेईई मेंस में 99.8 फीसद मा‌र्क्स लाने वाला छात्र पांच सितंबर को हुई परीक्षा में बैठा ही नहीं था।