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अमेरिका ने UAE को दिया भारत जैसा दर्जा, बनने जा रही तीन देशों की सैन्य तिकड़ी; चीन को क्यों लगेगी मिर्ची?

अमेरिका ने यूएई को भारत के बाद अपना प्रमुख रक्षा साझेदार बनाया है। अमेरिका ने अभी तक सिर्फ भारत को ये दर्जा दिया हुआ था। कई अंतरराष्ट्रीय जानकारों ने अमेरिका और यूएई की तरफ से की गई इस घोषणा को वैश्विक फलक पर दूरगामी असर वाला करार दिया गया है। इसे खाड़ी क्षेत्र में अमेरिका के घटते प्रभाव के तौर पर भी देखा गया था।

By Jagran News Edited By: Manish Negi Updated: Tue, 24 Sep 2024 08:04 PM (IST)
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अमेरिका ने UAE को बनाया प्रमुख रक्षा साझेदार (फाइल फोटो)

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। आने वाले दिनों में भारत, अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच अभूतपूर्व सैन्य सहयोग की शुरुआत होने वाली है। इसके तहत तीनों देशों के बीच सैन्य प्रशिक्षण, युद्धाभ्यास और सैन्य क्षेत्र से जुड़े सहयोग स्थापित किये जाएंगे। इसकी घोषणा अमेरिका व यूएई के शीर्ष नेताओं की बैठक के बाद जारी संयुक्त रणनीतिक बयान में की गई है। इस बयान में भारत एकमात्र देश है जिसका जिक्र पांच बार किया गया है।

संयुक्त बयान में अमेरिका व यूएई ने क्षेत्रीय स्थिरता के लिए भारत के साथ सैन्य सहयोग को महत्वपूर्ण मानते हुए इसे ज्यादा प्रगाढ़ करने की बात कही है। उक्त दोनों देशों ने भारत से मध्य पूर्व क्षेत्र से होते हुए यूरोप तक की कनेक्टिविटी परियोजना को भी पूरा समर्थन देने की बात कही गई है। अमेरिका ने अभी तक सिर्फ भारत को प्रमुख रक्षा साझेदार का दर्जा दिया था। अब यूएई को भी यह दर्जा दे दिया गया है।

सैन्य व रणनीतिक सहयोग बढ़ाने की सहमति

अमेरिका और यूएई के बीच खाड़ी के क्षेत्र, पूर्वी अफ्रीका और हिंद महासागर क्षेत्र में सैन्य व रणनीतिक सहयोग बढ़ाने की सहमति बनी है। इसी क्रम में बताया गया है कि इनके बीच की साझेदारी अब भारत के साथ भी अभूतपूर्व सैन्य सहयोग की राह खोलेगा। कई अंतरराष्ट्रीय जानकारों ने अमेरिका और यूएई की तरफ से की गई इस घोषणा को वैश्विक फलक पर दूरगामी असर वाला करार दिया गया है।

खाड़ी में घट रहा अमेरिका का प्रभाव?

कहा जा रहा है कि सऊदी अरब पर अमेरिका के घटते असर को बैलेंस करने के लिए अब अमेरिका यूएई के साथ सैन्य सहयोग को प्रगाढ कर रहा है। पिछले वर्ष ईरान और सऊदी अरब के बीच एक समझौता हुआ था और इसके पीछे चीन का हाथ होने की बात कही गई थी। इसे खाड़ी क्षेत्र में अमेरिका के घटते प्रभाव के तौर पर भी देखा गया था।

वैसे भारत, यूएई और अमेरिका के बीच एक सहयोग की शुरुआत जुलाई, 2022 में तब हुई थी जब क्वाड के तर्ज पर ही आई2यू2 (भारत, इजरायल, यूएई व अमेरिका) संगठन की शुरुआत की घोषणा की गई थी। इसके शीर्ष नेताओं की वर्चुअल बैठक भी हुई थी, जिसमें खाद्य सुरक्षा, एनर्जी सुरक्षा जैसे मुद्दों पर काम करने का ऐलान किया गया था। राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने कार्यकाल के अंतिम वर्ष में इस संगठन पर खास ध्यान नहीं दिया है, लेकिन अब यूएई व भारत को प्रमुख सैन्य साझेदार बना कर और इनके साथ सैन्य सहयोग का ऐलान कर अमेरिका ने खाड़ृी क्षेत्र में एक तरह से अपनी नई रणनीति को भी सार्वजनिक किया है।

भारत दौरे पर आए थे आबूधाबी के क्राउन प्रिंस

सनद रहे कि इसी मीहने (09-10 सितंबर, 2024) को यूएई के एक राज्य आबूधाबी के क्राउन प्रिंस शेख खालिद भारत के दौरे पर आये थे। पीएम नरेन्द्र मोदी के साथ उनकी द्विपक्षीय वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान में बताया गया था कि भारत व यूएई के बीच सैन्य सहयोग को ज्यादा से ज्यादा प्रगाढ़ किया जाएगा। भारत व यूएई पहले से ही सैन्य सहयोग के कई क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। इसमें सैन्य साजो-सामानों का सह-निर्माण भी शामिल है।