Jolly Joseph Case: एक झूठ से शुरू हुआ मौत का सिलसिला चला 14 साल, पति सहित 6 को पहुंचाया कब्र में
हाल ही में नेटफ्लिक्स पर करी एंड साइनाइड द जॉली जोसेफ केस पर एक क्राइम थ्रीलर डॉक्यूमेंट्री रिलीज हुई जिसके बाद एक बार फिर इस कहानी की चारों तरफ चर्चा हो रही है। तो आइए आज आपको इस लेख के माध्यम से एक महिला द्वारा खूनी खेल की कहानी सुनाएंगे। आखिर कैसे जॉली ने एक-एक करके अपने ससुराल के 6 लोगों को मौत के घाट उतार दिया?
जागरण डेस्क, नई दिल्ली। वैसे तो मुजरिम का कोई जात, जेंडर या धर्म नहीं होता है। लेकिन जब भी हम एक मर्डर करने वाले व्यक्ति के बारे में सोचते हैं तो एक खूंखार चेहरा हमारी आंखों के सामने तैर जाता है। बॉलीवुड फिल्मों ने भी हमें सालों साल यही दिखाया है। लेकिन कहते है न समय के साथ सबकुछ बदलता या बदल रहा होता है और हम उस बदलाव से अनभिज्ञ होते हैं। बदलते वक्त के साथ आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने में महिलाओं की संख्या में भी इजाफा देखा गया है। आमतौर पर महिलाओं को लकेर ऐसी धारनाएं होती है कि वह किसी का मर्डर नहीं कर सकती।
कहीं क्राइम हुआ हो या किसी का मर्डर हुआ हो हमारा शक कभी भी महिलाओं पर नहीं जाता है हम उन्हें हमेशा ममता और दया की मूरत मानते हैं, लेकिन गलत इरादे, लग्जरी जिंदगी बिताने की लालसा, बदले की भावना ये सारे भाव सब में होते हैं जो किसी को क्राइम करने पर मजबूर करते हैं। ये सारे भाव जब किसी में प्रबल हो जाये तो वह किसी से भी गलत काम करवा सकता है।
कुछ ऐसी ही कहानी है कोल्ड मर्डर करने वाली जॉली जोसफ की। यह कहानी है केरल की। जी हां, उसी राज्य की जिसको सबसे ज्यादा शिक्षित माना जाता है। हाल ही में नेटफ्लिक्स पर 'करी एंड साइनाइड: द जॉली जोसेफ केस' एक क्राइम थ्रीलर डॉक्यूमेंट्री रिलीज हुई जिसके बाद एक बार फिर इस कहानी की चारों तरफ चर्चा हो रही है। तो आइए आज आपको इस लेख के माध्यम से एक महिला द्वारा खूनी खेल की कहानी सुनाएंगे। आखिर कैसे जॉली ने एक-एक करके अपने ससुराल के 6 लोगों को मौत के घाट उतार दिया? आइए जानते हैं कैसे इस कहानी की शुरुआत हुई और आखिर हत्या के पीछे क्या था कारण...
कौन थी जॉली जोसेफ?
जॉली केरल के इडुक्की प्रांत के वझावारा गांव में एक किसान परिवार से ताल्लुक रखती थीं। जॉली का नाम उनके व्यवहार के अनुरूप रखा गया था। जॉली जोसेफ एक हंसमुख, मिलनसार और खुशमिजाज व्यक्ति के रूप में जानी जाती थीं। जॉली एक महत्वाकांक्षी महिला थीं। इनके पिता एक धनी इलायची किसान थे। जॉली जोसेफ के बारे में कहा जाता था कि उनके सपने खेत-खलिहान से परे थे। जॉली अपने परिवार से पहली ऐसी लड़की थीं जिन्हें कॉलेज जाने का मौका मिला था। जॉली के सपने हमेशा से बड़े थे। साल 1997 में जॉली के जीवन में तब बदलाव आया जब एक फैंमिली फंक्शन के दौरान रॉय थॉमस नाम के लड़के से मुलाकात हुई।
कहां से शुरू हुई मौत की कहानी?
साल 1997 में रॉय थॉमस से मुलाकात के बाद जॉली की एक नई कहानी शुरू होती है। रॉय थॉमस एक पढे-लिखे सम्पन्न परिवार से ताल्लुक रखते थे। रॉय के पिता एक स्कूल में क्लर्क की नौकरी करते थे और उनकी मां एक स्कूल में एक टीचर थीं। रॉय थॉमस तीन भाई-बहन थे। एक पूरा भरा-पूरा परिवार था। जॉली और रॉय की पहली मुलाकात के बाद दोनों में गहरी दोस्ती हुई। फिर प्यार हुआ और फिर शादी हुई। लेकिन इस शादी की शुरुआत ही एक झूठ से होती है और वो झूठ था जॉली की तरफ से जिसने थॉमस परिवार से अपना परिचय देते हुए कहा था कि वह उच्च शिक्षित है। उसके पास M.com की डिग्री है।
जॉली की पहली मौत की शिकार बनी उसकी सास
शादी के बाद सास ने जॉली से बार-बार नौकरी करने की बात कहने लगीं लेकिन जॉली घर संभालने और खाना बनाने में रुचि दिखातीं। सास जॉली से हमेशा कहती की तुम पढ़ी-लिखी हो पोस्ट-ग्रेजुएट हो तो घर में क्यों रहती हो? नौकरी क्यों नहीं करती? सास लगातार जॉली से नौकरी और आगे पढ़ने का प्रेशर बनाती रहीं। तबतक जॉली प्रेग्नन्ट हो गई जिसके बाद सास कुछ दिनों तक नौकरी को लेकर जॉली से कोई भी बातचीत नहीं की। बच्चा जब बड़ा हुआ तो एकबार फिर जॉली की सास ने नौकरी की बात छेड़ी और कहने लगी की तुम नौकरी करो में तुम्हारा बच्चा संभाल दूंगी। सास चाहती थी कि जॉली अपने पैरों पर खड़ी हो और वह सेटल हो जाए।
सास को पता नहीं था कि जॉली इतनी पढ़ी लिखी नहीं है कि उसकी अच्छी नौकरी लगे। एक दिन जॉली की सास ने जॉली के पिता को बुला के उसको नौकरी करने के लिए समझाने की बात कही। जॉली को डर लगा कि इससे तो उसका पोल खुल जाएगा और उसका झूठ पकड़ा जाएगा। जॉली ने सबसे पहले अपनी सास को अपने रास्ते से हटाया और साल 2002 में उनकी मौत हो गई। उस वक्त सभी को लगा था कि रॉय की मां की मौत उनके बढ़ती उम्र के कारण हुआ। लेकिन वहां से मौत का सिलसिला ऐसा था जो रूकने वाला नहीं था।
प्रॉप्रटी की लालच में उतारा ससुर को मौत के घाट
सास को मौत की नींद सुलाने के बाद जॉली ने पूरे घर को अपने कब्जे में कर लिया। जॉली के ससुर और रॉय थॉमस के पिता टॉम थॉमस के पास अच्छी-खासी प्रॉपर्टी थी जिसके ऊपर जॉली की नजर थी। इस बीच अपने चचेरे देवर के साथ जॉली का एक्ट्रा मैरिटल अफेयर भी चल रहा था। जॉली अपने ससुर को हटाकर प्रॉपर्टी अपने नाम करना चाहती थी इसमें मैथ्यू ने जॉली को साइनाइड लाकर देता है और इस तरह जॉली ससुर को भी मौत के घाट उतारने में कामयाब हो जाती है।
घर की मालकिन और पूरी प्रॉपर्टी की चाहत में पति को भी बनाया अपना शिकार
पति रॉय मां-बाप के मौत के बाद काम करना छोड़ दिया और शराब पीने लगा था। ससुर टॉम की मृत्यु के बाद जॉली एक तरह से घर की मालिकन बन गई थी लेकिन प्रॉपर्टी पर अब तक पूरा हक नहीं मिला था। अब उसका पति टॉम उसके रास्ते का कांटा था जिसको वो हटाना चाहती थी। साल 2011 में रॉय की बाथरूम में अचानक बेहोश हो गए और उनके मुंह से झाग निकल रहा था। जब उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया तो उन्होंने अस्पताल में ही दम तोड़ दिया। जिसके बाद रॉय के छोटे भाई-बहन और चाचा ने मिलकर जब रॉय का पोस्टमार्टम कराया गया। जांच में पता चला कि रॉय के बॉडी में साइनाइड की मात्रा थी। पुलिस को यह बताया गया कि वह बहुत शराब पिता था इसलिए उसकी मौत शराब की वजह से हुई। पुलिस ने भी इस बात को मानकर केस दर्ज नहीं किया।
तीन और मौत को भी दिया अंजाम
इस तीन मौत के बाद रॉय के चाचा मैथ्यू को जब जॉली पर शक हुआ तब उन्होंने अपने परिवार वालों के हुए मौत पर उसे शक होने लगा जब इसकी भनक जॉली को लगी तो चाचा मैथ्यू को भी साइनाइड देकर रास्ते से हटाया। इस बीच जॉली का एक और अफेयर हुआ जो एक स्कूल टीचर था लेकिन वह शादीशुदा था और उसकी एक बहन भी थी। जॉली ने उसको पाने के लिए उसकी बहन और उसकी पत्नी को भी साइनाइड देकर मार डाला। जिसके बाद उसने उस टीचर से शादी कर ली।
इस तरह हुआ जॉली के खूनी खेल का खुलासा
रॉय के छोटे भाई और बहन ने जब अपने चाचा और चचेरे भाई के मौत की खबर जब सुनी तो उन्हें संदेह हुआ और रॉय के छोटे भाई रोजो थॉमस ने पुलिस से अपने परिवार के सभी लोगों कि हुई मौत के पीछे का कारण जानना चाहा। साल 2019 में रोजो थॉमस ने पुलिस से फिर से जांच करने की मांग की। पुलिस ने सभी शवों को कब्र से बाहर निकाला सभी शवों का पोस्टमार्टम कराया तो सभी की मौत का कारण साइनाइड देकर हत्या बताया गया। जिसके बाद जॉली को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया जिसके बाद जॉली ने अपने जुर्म को कबूला। इस तरह इस खूनी खेल का अंत हो पाया।
नोट- इस सच्ची घटना पर आधारित बने क्राइम थ्रीलर डॉक्यूमेंट्री को नेटफ्लिक्स पर देख सकते हैं।
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