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पाठ्यपुस्तकों से संविधान की प्रस्तावना हटाने पर राज्यसभा में तीखी बहस, खरगे के आरोपों को नड्डा ने किया खारिज

एनसीईआरटी की नई पाठ्यपुस्तकों से संविधान की प्रस्तावना हटाने का मुद्दा बुधवार को राज्यसभा विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने उठाया और कहा कि पाठ्यपुस्तकों में प्रस्तावना को फिर से जगह दी जाए। हालांकि उनके इन आरोपों का सदन के नेता व भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जवाब दिया और कहा सुनी सुनाई बात पर सवा उठाने की बजाय तथ्य पर बात करनी चाहिए।

By Jagran News Edited By: Sonu Gupta Updated: Wed, 07 Aug 2024 11:41 PM (IST)
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राज्यसभा में बोलते हुए जेपी नड्डा और मल्लिकार्जुन खरगे। फोटोः एएनआई।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चुनाव के दौरान संविधान एक मुद्दा बना था। कांग्रेस अभी भी किसी न किसी तरह इसे हवा देने की कोशिश में है। एनसीईआरटी की नई पाठ्यपुस्तकों से संविधान की प्रस्तावना हटाने के मुद्दे पर एक दिन पहले ही केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने स्पष्ट किया था यह गलत जानकारी फैलाई जा रही है।

मल्लिकार्जुन खरगे उठाया मुद्दा

वहीं, बुधवार को राज्यसभा विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने इसे फिर से उठाया और कहा कि पाठ्यपुस्तकों में प्रस्तावना को फिर से जगह दी जाए। हालांकि उनके इन आरोपों का सदन के नेता व भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जवाब दिया और कहा सुनी सुनाई बात पर सवा उठाने की बजाय तथ्य पर बात करनी चाहिए।

जेपी नड्डा ने संविधान पर क्या कहा?

उन्होंने कहा कि संविधान का जितना आदर मोदी सरकार ने किया है, उतना किसी ने नहीं किया है। कांग्रेस ने तो संविधान पर 1975 में डाका डाला। 19 बार चुनी हुई सरकारों को गिराने का काम किया है। इस दौरान सदन में जमकर शोर-शराबा हुआ। राज्यसभा में इस विवाद की शुरुआत सदन की कार्यवाही शुरू होते हो गई।

RSS राष्ट्रवादी संगठन है: नड्डा

खरने ने पाठ्यपुस्तकों से संविधान का प्रस्ताव हटाने के आरोपों के साथ ही बाबा साहब की प्रतिमा हटाने और आरएसएस को लेकर भी तीखी टिप्पणी की। नड्डा ने अपनी बारी में इस पर जवाब दिया और कहा आरएसएस एक राष्ट्रवादी संगठन है। आपकी सरकार ने तो दो बार प्रतिबंध लगाने की कोशिश की। मीसा के तहत लोगों को जेल में डाला लेकिन संघ हर बार उतना ही मजबूत होकर निकला। संघ और भाजपा दोनों मां भारती की सेवा के लिए पूरी ताकत से लगी है।

इस बीच सभापति ने खरगे से उनके आरोपों का आधार जानना चाहा तो उन्होंने कहा कि हमें ऐसी जानकारी मिली है। इस पर सभापति ने कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि बगैर प्रमाण के इस तरह के आरोप लगाना ठीक नहीं है। यह विवाद यहीं नहीं थमा।

केंद्रीय शिक्षा धर्मेंद्र प्रधान ने क्या कहा?

 सदन में जैसे ही प्रश्नकाल शुरू होने वाला थी, उससे पहले केंद्रीय शिक्षा धर्मेंद्र प्रधान भी सदन में पहुंचे। उन्होंने इस मुद्दे पर सभापति से अपनी बात रखने की अनुमति मांगी। साथ ही बताया कि कांग्रेस ने जो आरोपों लगाया वह पूरी तरह से गलत है। एनसीईआरटी की नई पाठ्यपुस्तक में संविधान की प्रस्तावना के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं किया गया है। राष्ट्रगान और संविधान की प्रस्तावना दोनों को ही एनईपी की सिफारिशों के तरह पाठ्यपुस्तकों में उचित स्थान दिया गया है। 

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