देश में हर साल 2.5 फीसदी बढ़ रहे कैंसर के मामले, स्वास्थ्य मंत्री बोले- सरकार की निगरानी में हैं 131 दवाइयां
देश में कैंसर के मामले लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने लोकसभा में बताया कि हर साल कैंसर के मरीजों की संख्या 2.5 फीसदी बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि सरकार इसके सस्ते और सुलभ इलाज के लिए लगातार प्रयासरत है। साथ ही उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार इससे जुड़ी 131 दवाइयों की लगातार निगरानी कर रही है।
पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने लोकसभा को बताया कि भारत में कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। हर साल कैंसर के मामले करीब 2.5 प्रतिशत बढ़ रहे हैं। सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है कि कैंसर के मरीजों को उसका सस्ता और सुलभ इलाज उपलब्ध हो।
नड्डा ने शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान महामारी का रूप लेते जा रहे कैंसर पर आंकड़ों का ब्योरा देते हुए कहा कि पुरुषों को मुंह और फेफड़े का कैंसर अधिक हो रहा है, जबकि महिलाओं को स्तन कैंसर अधिकाधिक हो रहा है। हर साल कैंसर के करीब 15.5 लाख नए मामले पंजीकृत किए जाते हैं।
सरकार की निगरानी में हैं दवाइयां
उन्होंने बताया कि कैंसर के इलाज के लिए कैंसर की अनिवार्य 131 दवाओं की सूची है। यह सभी अनुसूची एक में हैं, जिनकी सरकार हमेशा निगरानी करती है और इनके दामों का निर्धारण करती है। आमतौर पर इन्हीं दवाओं का उपयोग किया जाता है। कीमतों के नियंत्रण के चलते मरीजों की करीब 294 करोड़ रुपये की बचत होती है।नड्डा ने बताया कि सरकार दवाओं के परीक्षण के लिए पूरी व्यवस्था बनाए हुए है। इसी तरह, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने बताया कि आयुषमान भारत के तहत 70 साल से अधिक आयु के नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाओं का कवर देने के लिए कोई विशेषज्ञ समिति गठित नहीं की गई है।
'लाभार्थियों का दायरा बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं'
उन्होंने बताया कि मौजूदा लाभार्थियों का दायरा बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। जाधव ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा योजना आयुषमान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत पात्रता वाले परिवारों के सभी सदस्यों को उनकी जो भी उम्र हो इस योजना के तहत इलाज मिलेगा। इस योजना के तहत योग्य हर परिवार को पांच लाख रुपये का बीमा कवर मिलता है।पांच साल तक के 17 प्रतिशत बच्चे कम वजन के
महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नापूर्णा देवी ने लोकसभा में बताया कि पांच साल तक की उम्र के 17 प्रतिशत बच्चे कम वजन के होते हैं और 36 प्रतिशत बच्चे छोटे कद के रह जाते हैं। जबकि छह प्रतिशत बच्चे शक्तिहीन होते हैं। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि अत्यधिक कुपोषण के कारण 0-5 वर्ष तक के बच्चों में यह शारीरिक अक्षमता पाई जाती है। सभी कार्यस्थलों पर मासिक धर्म के दौरान सवैतनिक अवकाश देने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
इसी तरह केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने बताया कि पिछले साल देश में 1800 से अधिक संक्रामक बीमारियों की पहचान हुई। इनमें सबसे अधिक मरीज केरल में पाए गए। केरल में संक्रमण के 253 मामले, कर्नाटक में 223, महाराष्ट्र में 208 और मध्यप्रदेश में 140 मामले पाए गए।