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'भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने के लिए...' नारायण मूर्ति के 70 घंटे काम वाले बयान को JSW ग्रुप के चेयरमैन का समर्थन

इंफोसिस के सह-संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति ने हाल ही में युवाओं के काम करने को लेकर टिप्पणी की थी। उन्होंने युवाओं द्वारा सप्ताह में 70 घंटे काम करने की वकालत की थी। हालांकि अब उनकी टिप्पणी का JSW के चेयरमैन संजय जिंदल ने समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि मैं नारायण मूर्ति के बयान का पूरी तरह से समर्थन करता हूं।

By Jagran NewsEdited By: Mohd FaisalUpdated: Sat, 28 Oct 2023 03:20 PM (IST)
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नारायण मूर्ति के 70 घंटे काम वाले बयान को JSW ग्रुप के चेयरमैन का समर्थन (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इंफोसिस के सह-संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति ने हाल ही में युवाओं के काम करने को लेकर टिप्पणी की थी। उन्होंने युवाओं द्वारा सप्ताह में 70 घंटे काम करने की वकालत की थी। हालांकि, अब उनकी टिप्पणी पर JSW के चेयरमैन संजय जिंदल ने प्रतिक्रिया दी है।

संजय जिंदल ने किया नारायण मूर्ति का समर्थन

JSW के चेयरमैन संजय जिंदल ने नारायण मूर्ति के बयान का समर्थन करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया है। उन्होंने लिखा- मैं नारायण मूर्ति के बयान का पूरी तरह से समर्थन करता हूं। यह थकावट के बारे में नहीं बल्कि समर्पण के बारे में है। हमें भारत को एक आर्थिक महाशक्ति बनाना है, जिस पर हम सभी गर्व कर सकते हैं।

मैं रोज 10-12 घंटे काम करता हूं- संजय जिंदल

एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा- हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर दिन 14-16 घंटे काम करते हैं। मेरे पिता हफ्ते में 12-14 घंटे काम करते थे। मैं रोज 10-12 घंटे काम करता हूं। हमें अपने काम में और राष्ट्र निर्माण में जुनून लाना होगा। हमारी परिस्थितियां अनूठी हैं और हमारी चुनौतियां विकसित देशों से बहुत अलग हैं। वह सप्ताह में 4 या 5 दिन काम कर रहे हैं क्योंकि उनकी पिछली पीढ़ियों ने लंबे और अधिक समय तक काम किया है। हम उनकी तरह हफ्ते में कम दिन काम करने को अपना मानक नहीं बना सकते।

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नारायण मूर्ति ने क्या दिया था बयान?

इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ने कहा था कि देश की उत्पादकता बढ़ाने के लिए युवाओं को सप्ताह में 70 घंटे काम करना चाहिए। भारत की कार्य उत्पादकता दुनिया में सबसे कम उत्पादक देशों में एक है। जब तक हम अपनी कार्य उत्पादकता में सुधार नहीं करते। हम उन देशों के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाएंगे, जिन्होंने बहुत अधिक प्रगति की है। यह मेरा देश है और मैं सप्ताह में 70 घंटे काम करना चाहूंगा।

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