SC: जज हिमा कोहली ने गिनवाए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के फायदे, बोलीं- AI को खतरे के रूप में नहीं देखना चाहिए
सर्वोच्च न्यायालय की न्यायाधीश हिमा कोहली ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को खतरे के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। बल्कि कानूनी अभ्यास की गुणवत्ता को बढ़ाने के एक अवसर के रूप में देखा जाना चाहिए।( फाइल फोटो)
By Jagran NewsEdited By: Preeti GuptaUpdated: Sun, 12 Feb 2023 02:59 PM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआई। सर्वोच्च न्यायालय की न्यायाधीश हिमा कोहली ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के पक्ष में और उसके अहम फायदों को गिनवाया है। उन्होंने कहा कि एआई को खतरे के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि कानूनी अभ्यास की गुणवत्ता को बढ़ाने के एक अवसर के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसे कानूनी क्षेत्र में एक "गेम-चेंजर" करार देना जिसमें वकीलों के काम करने के तरीके में क्रांति लाने की क्षमता है।
कोविड-19 के दौरान भी एआई ने न्याय प्रक्रिया को चालू रखा- हिमा
हिमा कोहली ने कहा कि एआई ने कोविड-19 महामारी के चरम के दौरान और उसके बाद भी न्याय प्रक्रिया को चालू रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हालांकि न्यायमूर्ति कोहली ने जवाबदेही, पारदर्शिता और पार्टियों के अधिकारों की सुरक्षा के बारे में नैतिक चिंताओं को चिह्नित किया, जो कानूनी क्षेत्र में एआई के उपयोग से पैदा हो सकती है। उन्होंने कहा कि जब हम प्रौद्योगिकी को अपनाते हैं, तो यह अनिवार्य है कि हम उन नैतिक चिंताओं से अवगत हों जो अदालतों में एआई के उपयोग से आती हैं। उन्होंने कहा कि एआई का उपयोग पक्षकारों के अधिकारों के प्रति जवाबदेही, पारदर्शिता और सुरक्षा के बारे में चिंता पैदा करता है।
"एआई को खतरे के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए"
शीर्ष अदालत के न्यायाधीश ने शनिवार को यहां आईसीआईसीआई बैंक द्वारा आयोजित एक समारोह में कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश और प्रोटोकॉल स्थापित करना महत्वपूर्ण होगा कि सभी पक्षों को समान रूप से न्याय मिले। एआई और कानूनी क्षेत्र के विषय पर बोलते हुए, न्यायमूर्ति कोहली ने कहा कि एआई के आगमन ने कानूनी बिरादरी के बीच कुछ चिंताएँ पैदा कर दी हैं। "वकीलों को डर हो सकता है कि उनकी विशेषज्ञता और कौशल प्रौद्योगिकी द्वारा बेमानी हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि हालांकि, मेरे विचार से, एआई को खतरे के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि कानूनी अभ्यास की गुणवत्ता बढ़ाने के अवसर के रूप में देखा जाना चाहिए।यह भी पढ़े- Assam News: गुवाहाटी में जंगली हाथी ने सेना के जवान को कुचला, अस्पताल में तोड़ा दम
हिमा ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से होने वाले लाभों को गिनवाया
न्यायमूर्ति कोहली ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से होने वाले लाभ के कई आयामों पर विस्तार से चर्चा की है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले मैं इस ओर आपका ध्यान दिलाना चाहती हूं कि एआई में नियमित कार्यों को स्वचालित करके, कानूनी अनुसंधान के लिए आवश्यक समय को कम करके और सूचना तक वास्तविक समय पहुंच प्रदान करके कानूनी अभ्यास की दक्षता में काफी सुधार करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि यह वकीलों के लिए जटिल और मूल्य वर्धित कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अधिक समय और स्थान बना सकता है, जिससे अंततः उनके मुवक्किलों को बेहतर परिणाम प्राप्त होंगे।"एआई सिस्टम बड़ी मात्रा में आंकड़े का विश्लेषण कर सकता है"
दूसरी बात यह है कि एआई सिस्टम बड़ी मात्रा में आंकड़े का विश्लेषण कर सकता है और पैटर्न और संबंधों की पहचान कर सकता है, जो मनुष्य के लिए तुरंत जाहिर करना संभव नहीं हो सकता है। इससे निर्णय लेने में सटीकता बढ़ेगी और मुवक्किलों को बेहतर परिणाम मिलेंगे। तीसरा, एआई का उपयोग मुवक्किलों को सूचना, व्यक्तिगत अनुशंसाओं और आभासी कानूनी सहायता तक त्वरित पहुंच प्रदान करने के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आखिरकार मैं कहना चाहती हूं कि कानूनी पेशे में एआई के एकीकरण में नए कानूनी-तकनीकी उत्पादों और सेवाओं के विकास सहित नए व्यावसायिक अवसर पैदा करने की क्षमता है।
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