'कानूनी संस्थानों के संचालन के लिए न्यायिक स्वतंत्रता महत्वपूर्ण', ICJ की न्यायाधीश ने कुलभूषण जाधव मामले को लेकर क्या कहा?
तरराष्ट्रीय न्यायालय की न्यायाधीश हिलेरी चार्ल्सवर्थ ने शनिवार को कहा कि कानूनी संस्थानों के संचालन के लिए न्यायिक स्वतंत्रता महत्वपूर्ण है। कुलभूषण जाधव मामले में आइसीजे की भूमिका का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हालांकि अंतरराष्ट्रीय अदालत के फैसले से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का समाधान नहीं हुआ लेकिन कम से कम एक गंभीर समस्या का कानूनी समाधान प्रदान किया।
पीटीआई, नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की न्यायाधीश हिलेरी चार्ल्सवर्थ (Hilary Charlesworth) ने शनिवार को कहा कि कानूनी संस्थानों के संचालन के लिए न्यायिक स्वतंत्रता महत्वपूर्ण है। वह सुप्रीम कोर्ट परिसर में द इंटरनेशनल कोर्ट आफ जस्टिस: ए लीगल फोरम इन ए पालिटिकल एनवायरनमेंट विषय पर दूसरा वार्षिक व्याख्यान दे रही थीं।
कुलभूषण जाधव मामले में न्यायाधीश हिलेरी चार्ल्सवर्थ ने क्या कहा?
कुलभूषण जाधव मामले में आइसीजे की भूमिका का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हालांकि अंतरराष्ट्रीय अदालत के फैसले से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का समाधान नहीं हुआ, लेकिन कम से कम एक गंभीर समस्या का कानूनी समाधान प्रदान किया।
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पाकिस्तान ने सुनाई थी मौत की सजा
10 अप्रैल 2017 को पाकिस्तान में फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल द्वारा जाधव को मौत की सजा सुनाई गई थी। आइसीजे ने मामले का अंतिम फैसला आने तक उनकी फांसी पर रोक लगा दी। आइसीजे ने कहा था कि पाकिस्तान को कुलभूषण जाधव के मुकदमे और सजा की पूरी प्रक्रिया की समीक्षा करनी होगी और भारत को राजनयिक पहुंच प्रदान करनी होगी।
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संदर्भ में न्यायिक स्वतंत्रता का उद्देश्य किसी भी गैर-कानूनी विचार को खत्म करना है, जो न्यायाधीश के तर्क को प्रभावित कर सकता है।