देश के 50वें प्रधान न्यायाधीश बनेंगे जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु आज दिलाएंगी शपथ
भारत के नए सीजेआई न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ होंगे। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु आज उन्हें शपथ दिलाएंगी। बता दें कि देश के 50वें प्रधान न्यायाधीश बनेंगे जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़। उनके पिता भी देश के प्रधान न्यायधीश रह चुके हैं।
By Jagran NewsEdited By: Mohd FaisalUpdated: Wed, 09 Nov 2022 05:26 AM (IST)
नई दिल्ली, प्रेट्र: सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ आज देश के 50वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण करेंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु राष्ट्रपति भवन में उन्हें पद की शपथ दिलाएंगी। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ 10 नवंबर, 2024 तक दो साल के लिए इस पद पर रहेंगे।
देश के नए CJI बनेंगे डीवाई चंद्रचूड़
जानकारी के अनुसार, वह जस्टिस उदय उमेश ललित का स्थान लेंगे, जिन्होंने 11 अक्टूबर को जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को अपना उत्तराधिकारी बनाए जाने की सिफारिश की थी। जस्टिस चंद्रचूड़ को जून, 1998 में बांबे हाई कोर्ट द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता नामित किया गया था और उसी वर्ष वह अतिरिक्त सालिसिटर जनरल नियुक्त किए गए थे। 29 मार्च, 2000 से 31 अक्टूबर, 2013 तक वह बांबे हाई कोर्ट के न्यायाधीश थे।
संविधान पीठों का हिस्सा रहे हैं जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़
उसके बाद उन्हें इलाहाबाद हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। 13 मई, 2016 को उन्हें शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था। वह कई संविधान पीठों और ऐतिहासिक फैसले देने वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठों का हिस्सा रहे हैं। इनमें अयोध्या विवाद, आइपीसी की धारा-377 के तहत समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने, आधार योजना की वैधता से जुड़े मामले, सबरीमला मुद्दा, सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने, भारतीय नौसेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने जैसे फैसले शामिल हैं।जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के पिता भी रह चुके हैं CJI
11 नवंबर, 1959 को जन्मे जस्टिस चंद्रचूड़ के पिता जस्टिस यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ लगभग सात साल और चार महीने तक प्रधान न्यायाधीश रहे थे, जो शीर्ष अदालत के इतिहास में किसी सीजेआइ का सबसे लंबा कार्यकाल रहा है। वह 22 फरवरी, 1978 से 11 जुलाई, 1985 तक प्रधान न्यायाधीश थे। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने राष्ट्रीय राजधानी के सेंट स्टीफेंस कालेज से अर्थशास्त्र में बीए आनर्स करने के बाद कैंपस ला सेंटर, दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी किया था। इसके बाद उन्होंने अमेरिका के हार्वर्ड ला स्कूल से एलएलएम और न्यायिक विज्ञान में डाक्टरेट की उपाधि प्राप्त की।
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