Move to Jagran APP

जस्टिस हेमा समिति की रिपोर्ट से हिली मलयालम फिल्म इंडस्ट्री, खुशबू सुंदर ने यौन शोषण पर किया लंबा ट्वीट

जस्टिस हेमा समिति का गठन केरल सरकार ने 2017 में किया था। इसकी रिपोर्ट में मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के उत्पीड़न और शोषण के मामलों का खुलासा किया गया था। समिति में महिलाओं के शोषण और दुर्व्यवहार का खुलासा किया है जिसके कारण कई महिला अभिनेत्रियों ने अपने पुरुष समकक्षों और फिल्म इंडस्ट्री में अन्य पुरुषों के हाथों उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं।

By Jagran News Edited By: Abhinav Atrey Updated: Wed, 28 Aug 2024 12:58 PM (IST)
Hero Image
हमारी इंडस्ट्री में चल रहा MeToo मूवमेंट आपको तोड़ देता है- खुशबू सुंदर
डिजिटल डेस्क, चेन्नई। अभिनेत्री से भाजपा की नेता बनीं खुशबू सुंदर ने बुधवार को कहा कि मलयालम सिनेमा में महिला के साथ होने वाले दुर्व्यवहार को रोकने के लिए जस्टिस हेमा समिति की बहुत जरूरत है। साथ ही उन्होंने महिलाओं से समझौता न करने और पुरुषों द्वारा यौन उत्पीड़न के पीड़ितों के लिए आवाज उठाने की अपील की।

दरअसल, जस्टिस हेमा समिति की मलयालम फिल्म इंडस्ट्री पर आई रिपोर्ट से पूरी इंडस्ट्री में भूचाल आ गया है। खुशबू ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "हमारी इंडस्ट्री में चल रहा MeToo मूवमेंट आपको तोड़ देता है।"

हेमा समिति की बहुत जरूरत

भाजपा नेता ने कहा, "उन महिलाओं को बधाई जिन्होंने अपनी जमीन पर डटे रहकर जीत हासिल की। ​​दुर्व्यवहार को रोकने के लिए हेमा समिति की बहुत जरूरत थी, लेकिन क्या यह ऐसा कर पाएगी?"

केरल सरकार ने 2017 में किया था हेमा समिति का गठन

दरअसल, जस्टिस हेमा समिति का गठन केरल सरकार ने 2017 में किया था। इसकी रिपोर्ट में मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के उत्पीड़न और शोषण के मामलों का खुलासा किया गया था। समिति में महिलाओं के शोषण और दुर्व्यवहार का खुलासा किया है, जिसके कारण कई महिला अभिनेत्रियों ने अपने पुरुष समकक्षों और फिल्म इंडस्ट्री में अन्य पुरुषों के हाथों उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं।

हर क्षेत्र में होता है महिलाओं का शोषण

खुशबू सुंदर ने कहा, "दुर्व्यवहार, यौन संबंधों के लिए अनुरोध करना और महिलाओं से यह अपेक्षा करना कि वे अपने पैर जमाने या अपने करियर को आगे बढ़ाने के लिए समझौता करें, हर क्षेत्र में मौजूद है। एक महिला से अकेले ही इस तरह की परेशानियों से गुजरने की उम्मीद क्यों की जाती है? हालांकि पुरुषों को भी इसका सामना करना पड़ता है, लेकिन इसका खामियाजा महिलाओं को ही भुगतना पड़ता है।"

महिलाओं को तोड़कर रख देते हैं सवाल

भाजपा नेता ने आगे कहा कि शर्मिंदा होने का डर, पीड़ित को दोषी ठहराना और 'तुमने ऐसा क्यों किया' या 'तुमने वैसा क्यों किया' जैसे सवाल महिलाओं को तोड़कर रख देते हैं।

पुरुषों से पीड़िताओं के साथ खड़े होने की अपील

उन्होंने कहा कि पीड़ित आपके या मेरे लिए अजनबी हो सकता है, लेकिन उसे हमारे समर्थन, सुनने के लिए कान और हम सभी से भावनात्मक समर्थन की जरूरत है। जब यह पूछा जाता है कि उसने पहले क्यों नहीं बताया, तो हमें उसकी परिस्थितियों पर सोचने की जरूरत है। हर किसी को बोलने का सौभाग्य नहीं मिलता। सुंदर ने कहा कि मैं सभी पुरुषों से पीड़िता के साथ खड़े होने और अपना अटूट समर्थन दिखाने का आग्रह करती हूं।

ये भी पढ़ें: Jan Dhan Yojana: देश में 53.13 करोड़ जन धन अकाउंट, योजना के 10 साल पूरे होने पर PM मोदी ने तारीफ की