ईडी निदेशक के सेवा विस्तार की सुनवाई से जस्टिस कौल ने खुद को किया अलग, कांग्रेसी नेताओं ने दायर की याचिकाएं
सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस संजय किशन कौल ने ईडी निदेशक संजय कुमार मिश्रा के सेवा विस्तार को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई से शुक्रवार को स्वयं को अलग कर लिया। ईडी निदेशक संजय मिश्रा को 17 नवंबर को ही एक वर्ष के लिए सेवा विस्तार दिया गया है।
By AgencyEdited By: Amit SinghUpdated: Fri, 18 Nov 2022 10:50 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस संजय किशन कौल ने ईडी निदेशक संजय कुमार मिश्रा के सेवा विस्तार को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई से शुक्रवार को स्वयं को अलग कर लिया। जस्टिस कौल ने आदेश दिया कि इस केस को किसी ऐसी पीठ के समक्ष सुनवाई पर लगाया जाए जिसमें जस्टिस कौल न हों। जस्टिस कौल ने अपने फैसले के लिए कोई कारण नहीं बताया।
कांग्रेसी नेताओं ने दायर की हैं याचिकाएं
मालूम हो कि सरकार ने ईडी निदेशक संजय मिश्रा को 17 नवंबर को ही एक वर्ष के लिए सेवा विस्तार दे दिया है। मिश्रा का कार्यकाल 18 नवंबर को समाप्त हो रहा था, लेकिन अब कार्यकाल अगले वर्ष 18 नवंबर तक के लिए बढ़ गया है। सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं लंबित हैं, जिनमें ईडी निदेशक संजय कुमार मिश्रा के सेवा विस्तार को चुनौती दी गई है। याचिकाएं कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला, जया ठाकुर, टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा और साकेत गोखले की हैं।
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जस्टिस कौल ने सुनवाई से किया इनकार
शुक्रवार को यह मामला जस्टिस संजय किशन कौल और एएस ओका की पीठ के समक्ष सुनवाई पर लगा था। सुनवाई की शुरुआत में ही जस्टिस कौल ने कहा कि वह इस मामले को नहीं सुन सकते। इस मामले को किसी और पीठ के समक्ष सुनवाई पर लगाया जाए। तभी वरिष्ठ वकील गोपाल शंकर नारायण ने कहा कि सरकार ने संजय मिश्रा को 17 नवंबर को एक वर्ष का और सेवा विस्तार दे दिया है ताकि सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामले महत्वहीन हो जाएं। अन्य वकीलों ने भी मामले पर जल्द सुनवाई का आग्रह किया।