'लोगों को एक-दूसरे के राय को लेकर रखनी चाहिए सहनशीलता', विदाई समारोह में बोले जस्टिस संजय किशन कौशल
शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के रूप में छह साल और 10 महीने से अधिक समय के कार्यकाल के बाद न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय किशन कौल 25 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। अपने विदाई समारोह के कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहनशीलता कम हो रही है तो ऐसे में लोगों को एक-दूसरे की राय के प्रति सहिष्णुता रखनी चाहिए।
By AgencyEdited By: Shalini KumariUpdated: Fri, 15 Dec 2023 02:24 PM (IST)
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय किशन कौल ने शुक्रवार को कहा कि जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहनशीलता कम हो रही है, तो ऐसे में लोगों को एक-दूसरे की राय के प्रति सहिष्णुता रखनी चाहिए।
शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के रूप में अपने कार्य दिवस के आखिरी दिन पर न्यायमूर्ति कौल ने कहा कि एक न्यायाधीश की निर्भीकता एक बहुत महत्वपूर्ण कारक है और बार का यह कर्तव्य है कि वह न्यायपालिका की स्वतंत्रता की रक्षा करे। शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के रूप में छह साल और 10 महीने से अधिक समय के कार्यकाल के बाद 25 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
18 दिसंबर से शीतकालीन अवकाश के लिए बंद रहेगा सुप्रीम कोर्ट
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट 18 दिसंबर से शीतकालीन अवकाश पर रहेगा और दोबारा 2 जनवरी को खुलेगा। औपचारिक पीठ का नेतृत्व करने वाले मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने न्यायमूर्ति कौल के साथ अपनी कुछ बीती बातों को याद किया।न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, "जस्टिस कौल और मैं 70 के दशक में पहुंच गए हैं। हम कॉलेज में एक साथ थे और मुझे लगता है कि यह मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है कि हम एक-दूसरे के साथ इस मंच को साझा कर रहे हैं, चाहे वह पुट्टास्वामी (गोपनीयता का अधिकार) मामला हो, चाहे वह विवाह समानता का मामला हो, हाल ही में अनुच्छेद 370 का मामला ही क्यों न हो।"
जस्टिस कौल ने साझा किया अपना अनुभव
जस्टिस कौल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बिना किसी डर या पक्षपात के न्याय किया है और उन्हें लगता है कि न्याय का मंदिर खुली रहनी चाहिए। उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि एक न्यायाधीश की निर्भीकता एक बहुत महत्वपूर्ण कारक है। अगर हमारे पास मौजूद संवैधानिक संरक्षण के साथ प्रदर्शित करने में सक्षम नहीं हैं, तो हम प्रशासन के अन्य हिस्सों से ऐसा करने की उम्मीद नहीं कर सकते।"यह भी पढ़ें: Mahua Moitra: महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता होगी बहाल? 3 जनवरी को याचिका पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्टन्यायमूर्ति कौल ने कहा कि ऐसी कोई विधि नहीं है, जिसके द्वारा न्यायपालिका अपने लिए खड़ी हो सके और मुझे लगता है कि यह बार का कर्तव्य है कि वह समर्थन करे और न्यायपालिका को सही भी करे।
न्यायमूर्ति कौल ने कहा, "अब समय आ गया है कि मानव प्रजाति एक-दूसरे के साथ रहना और इस दुनिया की अन्य प्रजातियों के साथ रहना सीखे, ताकि वे इसके साथ तालमेल बिठा सकें।" साथ ही, उन्होंने बार के सदस्यों को धन्यवाद किया, जो उन्हें विदाई देने के लिए अदालत में एकत्र हुए थे।