जस्टिस शमीम अहमद को मद्रास हाई कोर्ट जाना ही होगा, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने ठुकराया अनुरोध
जस्टिस शमीम अहमद को मद्रास हाई कोर्ट जाना ही होगा। सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने उनके अनुरोध को ठुकरा दिया है। बता दें कि 21 अगस्त को कॉलेजियम ने उनके तबादले की सिफारिश की थी। इसके बाद जस्टिस शमीम अहमद ने स्थानांतरण के प्रस्ताव पर पुनिर्विचार करने का अनुरोध किया था। मगर कॉलेजियम ने 21 अगस्त 2024 की अपनी अनुशंसा को दोहरा दिया।
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस शमीम अहमद के मद्रास हाई कोर्ट में तबादले पर पुनर्विचार का उनका अनुरोध ठुकरा दिया है। कॉलेजियम ने कहा कि बेहतर न्यायिक प्रशासन के लिए उनका तबादला किया गया है। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने 21 अगस्त को जस्टिस अहमद के तबादले की सिफारिश की थी।
यह भी पढ़ें: बांग्लादेश को भारत से डीजल और बिजली की आपूर्ति ठप, द्विपक्षीय कारोबार का पहिया भी थमा
स्थानांतरण पर पुनर्विचार का किया था अनुरोध
कॉलेजियम में जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हृषिकेश राय भी शामिल हैं। कॉलेजियम ने कहा कि जस्टिस शमीम अहमद ने 22 अगस्त 2024 को एक आवेदन के माध्यम से मद्रास हाई कोर्ट में उनके स्थानांतरण के प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है, लेकिन हमने इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और मद्रास हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश से भी परामर्श किया है।अनुरोध में कोई दम नहीं
कॉलेजियम ने कहा कि उसने जस्टिस अहमद द्वारा उनके आवेदन में किए गए अनुरोध पर विचार किया है, लेकिन उनके द्वारा किये गये अनुरोध में कोई दम नहीं है। इसलिए कॉलेजियम जस्टिस शमीम अहमद को मद्रास हाई कोर्ट में स्थानांतरित करने के लिए 21 अगस्त 2024 की अपनी अनुशंसा को दोहराता है।यह भी पढ़ें: वक्फ विधेयक पर आम जनता से मांगा गया सुझाव, मगर सिर्फ 15 दिनों का वक्त; आप भी ऐसे भेजे अपनी राय