कल्पना चावला (Kalpana Chawla)
Indian Astronaut Kalpana Chawla Birth Anniversary पहली भारतीय महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला जिन्होंने देश की हर लड़की को कुछ कर दिखाने की प्रेरणा दी। भारतीय मूल की कल्पना चावला ने देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपना परचम लहराया।
By Nidhi AvinashEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Wed, 15 Mar 2023 12:59 PM (IST)
'यात्रा उतनी ही मायने रखती है जितना की लक्ष्य', कल्पना चावला (Kalpana Chawla) जब तक जिंदा रही उन्होंने इस बात पर हमेशा अमल किया। वह पहली भारतीय महिला अंतरिक्ष यात्री थी, जिन्होंने देश की हर लड़की को कुछ कर दिखाने की प्रेरणा दी। भारतीय मूल की कल्पना चावला ने देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपना परचम लहराया।
- कल्पना चावला कौन थी?
- कल्पना चावला का जन्म कब और कहां हुआ?
- कल्पना चावला की पढ़ाई कहां से हुई?
- कल्पना चावला अमेरिका कब गई?
- कल्पना चावला ने कब ज्वाइन किया था नासा (NASA)?
- कल्पना अपने पहले स्पेस मिशन पर कब गई थी?
- कल्पना का दूसरा स्पेश मिशन क्यों रहा आखिरी?
- कैसे हुई कल्पना की मौत?
करनाल में हुआ था जन्म
कल्पना चावला का जन्म 17 मार्च, 1962 को हरियाणा के करनाल में हुआ था। पिता का नाम बनारसी लाल चावला और माता का नाम संज्योति चावला है। कल्पना के माता-पिता मूल रूप से पश्चिम पंजाब के मुल्तान जिले से करनाल आए थे, जिसे अब पाकिस्तान के नाम से जाना जाता है। चार भाई-बहनों में सबसे छोटी कल्पना चावला बचपन से ही साहसी बच्ची रही। घर में सब उन्हें प्यार से मोंटू कहते थे।सतीश कौशिक (Satish Kaushik)
पंजाब से बैचलर डिग्री हासिल कर अमेरिका की भरी उड़ान...
कल्पना की स्कूली शिक्षा टैगोर बाल निकेतन से हुई। जब वह आठंवी कक्षा में पहुंची तो उन्होंने इंजीनियर बनने की इच्छा प्रकट की। अपनी इच्छा उन्होंने अपने पिता के सामने रखी। हालांकि कल्पना के पिता उन्हें डॉक्टर बनाना चाहते थे लेकिन कल्पना बचपन से ही अंतरिक्ष की यात्रा करने के सपने देखती थी।जुझार प्रृवति की कल्पना ने अपनी आगे की शिक्षा पंजाब इंजिनियरिंग कॉलेज, चंडीगढ़ से पूरी की। यहां उन्होंने एयरोस्पेस इंजीनियर की पढ़ाई की। 1982 में उनकी बैचलर डिग्री पूरी हुई और इसी वर्ष वह अमेरिका चली गई। वर्ष 1984 में कल्पना ने टेक्सास यूनिवर्सीटी, आर्लिंगटन से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में मास्टर ऑफ साइंस की डिग्री हासिल की। कल्पना ने 1986 में साइंस से दोबारा मास्टर किया और फिर 1988 में कोलोराडो यूनिवर्सिटी बोल्डर से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी की।