अश्विनी वैष्णव रेल मंत्री हैं या रील मंत्री? कांग्रेस ने की इस्तीफे की मांग, मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र सरकार से पूछे ये 7 सवाल
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि जब भी कोई रेल दुर्घटना होती है मोदी सरकार के रेल मंत्री कैमरों की चकाचौंध में घटनास्थल पर पहुंचते हैं और ऐसा व्यवहार करते हैं जैसे सब कुछ ठीक है। खरगे ने सरकार से सात सवाल पूछे और जवाब मांगे। उन्होंने पूछा कि बालासोर जैसी बड़ी दुर्घटना के बादबहुचर्चित कवच ट्रेन टक्कर रोधी प्रणाली का दायरा एक किलोमीटर भी क्यों नहीं बढ़ाया गया?
पीटीआई, नई दिल्ली। कांग्रेस ने सरकार पर भारतीय रेल को बर्बाद करने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को कंचनजंघा एक्सप्रेस दुर्घटना (Kanchanjunga Express Accident) के मद्देनजर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) के इस्तीफे की मांग की। पार्टी ने कहा कि उन्हें पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
अश्विनी वैष्णव रेल मंत्री हैं या रील मंत्री?
विपक्षी दल ने मोटरसाइकिल पर पीछे बैठकर दुर्घटना स्थल पर पहुंचने के लिए वैष्णव पर कटाक्ष करते हुए पूछा कि वह रेल मंत्री हैं या रील मंत्री। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि जब भी कोई रेल दुर्घटना होती है, मोदी सरकार के रेल मंत्री कैमरों की चकाचौंध में घटनास्थल पर पहुंचते हैं और ऐसा व्यवहार करते हैं जैसे सब कुछ ठीक है। कांग्रेस अध्यक्ष ने पूछा कि नरेन्द्र मोदी हमें बताएं कि किसे जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए, रेल मंत्री को या आपको?
खरगे ने सरकार से पूछे सात सवाल
खरगे ने सरकार से सात सवाल पूछे और जवाब मांगे। उन्होंने पूछा कि बालासोर जैसी बड़ी दुर्घटना के बाद, बहुचर्चित कवच ट्रेन टक्कर रोधी प्रणाली का दायरा एक किलोमीटर भी क्यों नहीं बढ़ाया गया? कांग्रेस अध्यक्ष ने पूछा, 'रेलवे में करीब तीन लाख पद खाली क्यों हैं, पिछले 10 सालों में उन्हें क्यों नहीं भरा गया।एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, 2017 से 2021 के बीच ही रेल दुर्घटनाओं में 1,00,000 लोगों की मौत हुई है! इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। उन्होंने कहा कि रेलवे बोर्ड ने स्वयं स्वीकार किया है कि मानव बल की भारी कमी के कारण इंजन चालकों का लंबे समय तक काम करना दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या का मुख्य कारण है। उन्होंने पूछा कि इन पदों को क्यों नहीं भरा गया।
खरगे ने की रेलवे की आलोचना
खरगे ने पूछा कि अपनी 323वीं रिपोर्ट में संसद की स्थायी समिति ने रेलवे सुरक्षा आयोग (सीआरएस) की सिफारिशों के प्रति रेलवे बोर्ड द्वारा दिखाई गई उपेक्षा के लिए रेलवे की आलोचना की थी। सीआरएस केवल 8 से 10 प्रतिशत दुर्घटनाओं की जांच करता है, सीआरएस को मजबूत क्यों नहीं किया गया?़उन्होंने पूछा कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) के अनुसार, राष्ट्रीय रेल सुरक्षा कोष (आरआरएसके) में 75 प्रतिशत धनराशि क्यों कम कर दी गई, जबकि हर साल 20,000 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए जाने थे। खरगे ने आगे पूछा कि रेलवे अधिकारियों द्वारा इस धन का उपयोग अनावश्यक खर्चों और सुख सुविधाओं पर क्यों किया जा रहा है?