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Election Commission Data: चुनावी डेटा पर राजनीति तेज, कपिल सिब्बल ने EC से पूछा यह सवाल; फॉर्म 17C का भी किया जिक्र

वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने गुरुवार को चुनाव आयोग के आंकड़े जारी करने के हिचकिचाहट पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनाना दायर कर बताया कि फॉर्म 17 अपलोड करने का कोई कानूनी प्रावधान नहीं है। उन्होंने इस पर सवाल करते हुए कहा कि फॉर्म 17 को EC अपने वेबसाइट पर क्यों नहीं डालता?

By Agency Edited By: Sonu Gupta Updated: Thu, 23 May 2024 04:39 PM (IST)
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चुनावी डेटा पर कपिल सिब्बल ने EC से पूछा सवाल। फाइल फोटो।
एएनआई, नई दिल्ली। देश में लोकसभा चुनावों के पांचवें चरण के मतदान पूरे हो गए हैं। वहीं, बाकी बचे दो चुनावों के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। इस बीच, चुनाव आयोग विपक्ष के निशाने पर आ गया है। निर्वाचन आयोग पर मतदान के आंकड़ों को देरी से जारी करने के आरोप लगातार लग रहे हैं। वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने गुरुवार को चुनाव आयोग के आंकड़े जारी करने के हिचकिचाहट पर सवाल उठाया।

सिब्बल ने आयोग से पूछा सवाल

सिब्बल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनाना दायर कर बताया कि फॉर्म 17 अपलोड करने का कोई कानूनी प्रावधान नहीं है। उन्होंने इस पर सवाल करते हुए कहा कि फॉर्म 17 को EC अपने वेबसाइट पर क्यों नहीं डालता? इसकी डेटा को सामने रखने में आयोग को क्या समस्या है? उन्होंने आगे कहा कि हम नहीं जानते हैं कि क्या सही है और क्या गलत है।

EC ने SC में दायर किया है हलफनामा

मालूम हो कि सिब्बल का यह बयान आयोग द्वारा बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में दायर किए गए एक हलफानामा के बाद आया है, जिसमें कहा गया है कि फॉर्म 17सी के आधार पर मतदाता मतदान डेटा को खोने से मतदाताओं में भ्रम पैदा होगा क्योंकि इसमें डाक मतपत्र की गिनती भी शामिल होगी। निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में तर्क दिया कि मतदान केंद्रों में मतदाता मतदान के अंतिम प्रमाणित डेटा को प्रकाशित करने का कोई कानूनी प्राविधान नहीं है।

क्या होता है फॉर्म-17सी

मालूम हो कि फॉर्म-17सी एक मतदान केंद्र पर डाले गए वोटों का रिकॉर्ड होता है, जो पीठासीन अधिकारी द्वारा हस्ताक्षर करने के बाद मतदान के अंत में मतदान एजेंट को दिया जाता है। इसकी जानकारी सीधे चुनाव आयोग को भी भेजी जाती है।

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