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'कारगिल एक यात्रा की जुबानी' के लेखक ऋषि राज ने शेयर किया अपनी जिंदगी का सीक्रेट

आज हम बात करते हैं डॉ ऋषि राज की जिन्होंने कारगिल पर एक किताब लिखी थी जिसका नाम है कारगिल एक यात्रा की जुबानी। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि डॉ ऋषि राज लेखक और यूट्यूबर होने के साथ-साथ रेलवे में भी काम कर चुके हैं। हाल ही में उनका एक साक्षात्कर सामने आया है इस दौरान उन्होंने अपनी जिंदगी के कई किस्से शेयर किए हैं।

By Jagran News Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Mon, 03 Jun 2024 02:24 PM (IST)
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लेखक ऋषि राज ने शेयर किया अपनी जिंदगी का सीक्रेट

ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली। कारगिल युद्ध देश का एक बहुत बड़ा और खतरनाक युद्द था,जिसे ऑपरेशन विजय के नाम से भी जाना जाता है। इस युद्द में भारत और पाकिस्तान के बीच मई और जुलाई 1999 के बीच कश्मीर के करगिल जिले में एक सशस्त्र संघर्ष हुआ था। इस खौफनाक मंजर को आज भी कोई भूला नहीं पाया है।

इस बीच आज हम बात करते हैं डॉ ऋषि राज की जिन्होंने कारगिल पर एक किताब लिखी थी, जिसका नाम है 'कारगिल एक यात्रा की जुबानी'। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि डॉ ऋषि राज  लेखक और यूट्यूबर होने के साथ-साथ एक रेलवे में भी काम कर चुके हैं। हाल ही में उनका एक साक्षात्कर सामने आया है, इस दौरान उन्होंने अपने करियर के बारे में बात की है।

17 साल में शुरू हुआ था करियर

उनसे इंटरव्यू में कहा गया, एक लेखक और यूट्यूबर के रूप में उनकी यात्रा काफी प्रेरणादायक है। उनसे इंटरव्यू के दौरान उत्तर रेलवे के साथ उनके प्रारंभिक करियर के बारे में पूछा गया। इसके जवाब में उन्होंने कहा, मेरा करियर काफी कम उम्र में, लगभग 17 साल की उम्र में, व्यावसायिक रेलवे वाणिज्य पाठ्यक्रम (वीसीआरसी) के माध्यम से उत्तर रेलवे में शामिल होकर शुरू हुआ। उन्होंने बताया पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण उन्होंने अपना करियर शुरू किया था, लेकिन बाद में ये उनका जुनून बन गया।

यूट्यूब चैनल के लिए कहां से मिली प्रेरणा?

इसके बाद उनके साक्षात्कर्ता ने उनसे उनके लेखन और यूट्यूब चैनल के बारे में पूछा गया। उनसे पूछा गया आपने 20 पुस्तकों की रचना की है और आपका यूट्यूब चैनल 'एक्सपलोरिंग' इंडिया विद ऋषि भी है। लेखन और वीडियो के निर्माण के लिए आपको कहां से प्रेरणा मिली। इसके जवाब में डॉ ऋषि राज कहते हैं, भारत और विदेशों की मेरी यात्राओं ने मुझे लेखन के लिए प्रेरित हुआ। जब मैं जगह-जगह घूमता था तो मुझे बहुत सारी कहानियां मिली हैं।

वो बताते हैं, साल 2012 में कैलाश मानसरोवर की कालजयी यात्रा से लेखन का सिलसिला शुरू हुआ। उन्होंने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और देशभक्ति को अपनी पुस्तकों और वीडियोज के माध्यम से साझा करना सही समझा, ताकि आज की युवा पीढ़ी इसके बारे में जान सके। वहीं लेखन के बारे में वो कहते हैं, लेखन मुझे भारत के इतिहास,उसके लोगों की भावना की बारीकियों में गहराई से जाने की अनुमति देता है।

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