'मुआवजे के लिए खुदकुशी कर रहे अन्नदाता' किसानों पर शर्मनाक बयान देकर घिरे कर्नाटक के मंत्री
कर्नाटक सरकार में गन्ना विकास मंत्री शिवानंद पाटिल ने कहा कि जब से कर्नाटक सरकार ने मृतक किसानों के परिवार को मिलने वाला मुआवजा बढ़ा दिया है तब से राज्य में खुदकुशी करने वाले किसानों की संख्या में बढ़ोतरी हो गई है। शिवानंद पाटिल के इस बयान पर किसान संगठन ने आपत्ति जाहिर की है। किसान संगठन ने मंत्री के इस्तीफे की मांग भी कर डाली है।
मुआवजे पैकेज लेने की वजह से किसान कर रहे आत्महत्या: मंत्री
मंत्री ने आगे कहा," हमने आत्महत्या करने वाले किसानों के लिए 2015 से 5 लाख रुपये का मुआवजा देना शुरू कर दिया है। तब से आत्महत्या करने वाले किसानों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। मीडिया को भी इस घटनाक्रम पर ध्यान देना चाहिए।
विभिन्न कारणों से आत्महत्या कर रहे हैं किसान: शिवानंद पाटिल
उन्होंने आगे कहा,"साल 2020 में 500 से अधिक किसानों ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी। 2021 में 600 से अधिक किसानों ने आत्महत्या कर ली थी। लेकिन, यदि आप एफआईआर पर विचार करते हैं, तो यह आपकी गलती है। किसान विभिन्न कारणों से आत्महत्या कर रहे हैं। यहां तक कि प्रेम मामलों के कारण भी मौतें हो रही हैं। इसे किसानों की आत्महत्या से जोड़ा जा रहा है।शिवानंद पाटिल ने कहा कि मुझे समझ नहीं आता कि अखबार बिना क्रॉस चेक किए कैसे आंकड़े दे रहे हैं। अधिकारी को भी इन रिपोर्ट्स को क्रॉस चेक करना चाहिए। मृतक के परिजन लालच में आकर सोच रहे हैं कि अगर हमने रिपोर्ट में आत्महत्या की वजह फसल का नुकसान बताया तो हमें मुआवजा मिलेगा।
जिला किसान संघ ने मंत्री के टिप्पणी की आलोचना की
जिला किसान संघ के महासचिव मल्लिकार्जुन बल्लारी ने कहा कि संगठन उन्हें 50 लाख रुपये देगा और उन्हें आत्महत्या करने देगा। उन्होंने यह भी कहा कि पाटिल जहां भी जाएंगे, संगठन उनका घेराव करेगा और विरोध प्रदर्शन करेगा।उन्होंने कहा कि मौत का कारण सिर्फ कर्ज और फसल का नुकसान ही नहीं है बल्कि व्यक्तिगत मामले भी होंगे। यहां तक कि सांप के काटने से हुई मौत को भी आत्महत्या बताया जा रहा है।"